International Women’s Day: सीटू नेता पहुंचे सेक्टर 9 अस्पताल, महिलाओं को किया सम्मानित, बात युद्ध, बेरोजगारी और वेतन तक आई

– देश के बेरोजगारी की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। आज शहरी क्षेत्र के महिलाओं के बीच बेरोजगारी का दर 19.36% है
– सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी का कहना है कि महिला दिवस को बहुत से लोग सिर्फ शुभकामनाओं,बधाई तक सीमित रख देना चाहते है

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीटू की टीम सेक्टर 9 अस्पताल पहुंची। महिला डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, इंटर्न, ट्रेनिंग नर्सिंग स्टाफ, महिला टेक्नीशियन, महिला अटेंडेंट आदि से मुलाकात कर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं उसके संघर्षों के महत्व पर अपना संदेश दिया

– महिला दिवस शुभकामनाओं का नहीं बल्कि संघर्षों का देता है संदेश
सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी का कहना है कि महिला दिवस को बहुत से लोग सिर्फ शुभकामनाओं,बधाई तक सीमित रख देना चाहते है। वे महिलाओं के शोषण,उत्पीड़न को ही जीवित रखना चाहते है।सिर्फ एक निर्दिष्ट दिन पर महिलाओं के लिए कुछ कार्यक्रम आयोजित कर वे महिला दिवस के उस संघर्ष को ही भुला देना चाहते है। किंतु सच्चाई यह है कि यह दिन समानता के लिए संघर्ष करने का प्राण लेने का दिन है।
आज जब फिलस्तीन पर गाजा पर कब्जा जमाने के लिए लगातार आक्रमण हो रहा है जिस आक्रमण के शिकार में 30 हजार लोगों की मौत हुई है, जिसमे 16 हजार से अधिक महिला और शिशु शामिल है।

– आज भी समान काम के लिए समान वेतन से वंचित हैं महिलाएं
श्रमिक नेता अशोक खातरकर ने कहा-देश के बेरोजगारी की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। आज शहरी क्षेत्र के महिलाओं के बीच बेरोजगारी का दर 19.36% है। ग्रामीण रोजगार में महिलाओं की स्थिति और भी भयावह है। ज्यादातर काम अस्थस्यी प्रकृति के होने के कारण महिलाएं समान काम के समान वेतन के अधिकार से वंचित है।
रोजगार की कोई गारंटी नहीं है। कॉरपोरेट घरानों के मुनाफा की गारंटी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से श्रम कानून में परिवर्तन कर समान काम के समान वेतन के अधिकार को भी सरकार छीन लेना चाहती है। औद्योगिक क्षेत्र में भी जहां महिलाओं को शाम 6:00 बजे के बाद कारखाने में काम करना पर प्रतिबंध है वहां पर अब सरकार श्रम कानून में बदलाव कर रात्रि पाली में भी महिलाओं से काम करवाना चाहती है।