क्या सच में ईपीएस कॉर्पस घाटे में, सरकार ने 1000 न्यूनतम पेंशन देने ईपीएफओ को दी 970 करोड़ सब्सिडी?

Is it really true that due to EPS corpus deficit, the government gave 970 crore subsidy to EPFO ​​to give 1000 minimum pensions?
जब पंशनर्स को अपने जीवन में कुछ नहीं मिल रहा था, तो उनके बच्चों को क्या मिलेगा? सब मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं।
  • सरकार से मांग की गई है कि पहले एनएसी की मांग के अनुसार न्यूनतम पेंशन स्वीकृत करें, फिर जीवनसाथी के बारे में बात करें।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization (EPFO)) को लेकर बड़ा दावा किया गया है। पेंशनभोगी का कहना है कि केंद्र सरकार (Central Govt) ने पेंशन देने के लिए ईपीएफओ (EPFO) को सब्सिडी दिया है।

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पेंशनर्स रामकृष्ण पिल्लई का कहना है कि रिपोर्ट के अनुसार ईपीएस कॉर्पस (EPS ) घाटे में है। इसलिए, सरकार ने पिछले साल भी 1000 रुपये प्रति माह के न्यूनतम पेंशन भुगतान के लिए ईपीएफओ को सब्सिडी के रूप में 970 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यदि इसे न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 2000 रुपये करना है, तो सब्सिडी का बोझ बढ़कर 4000 करोड़ या उससे अधिक हो सकता है।

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वहीं, संतोष स्वरूप का कहना है कि जब पंशनर्स को अपने जीवन में कुछ नहीं मिल रहा था, तो उनके बच्चों को क्या मिलेगा? सब मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं।

रामकृष्ण पिल्लई ने कहा-ईपीएफओ (EPFO) या नियोक्ता द्वारा संचयी आधार पर व्यक्तिगत खाता नहीं रखा जाता है। पेंशन का भुगतान मूल राशि को भी जोड़कर किया जाता है। फिर शेष राशि का निर्धारण और भुगतान कैसे किया जा सकता है? मुझे कुछ भी उम्मीद है।

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सनत रावल ने कहा-हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि पहले एनएसी की मांग के अनुसार न्यूनतम पेंशन स्वीकृत करें, फिर हमारे जीवनसाथी के बारे में बात करें। एनएसी जिंदाबाद।

एक अन्य पेंशनभोगी त्रिपुरारी सारण का कहना है कि EPS 95 को भूल जाए तो ठीक है। नहीं जाएगा तो आप जैसे जी रहे हैं, उसी तरह से जिंदा रहे, अंतिम संस्कार जिंदगी नहीं, जीएं…।

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