- केंद्र सरकार, ईपीएफओ और संबंधित कंपनी को याचिकाकर्ताओं ने पार्टी बनाया था।
- हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से बोल दिया है कि रिट याचिका के निपटारे तक एक अंतरिम आदेश होगा
- श्रम मंत्रालय एवं रोजगार विभाग, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पार्टी थी।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) से बड़ी खबर आ रही है। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) के तहत ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pesnion) को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला आया है। ईपीएफओ (EPFO) को बड़ा झटका लगा है। पेंशनभोगियों (Pensioners) को राहत दी गई है।
ईपीएफओ (EPFO) द्वारा की जा रही कटौती पर रोक लगा दिया है। हायर पेंशन जिसको मिल रही थी, उससे वापस नहीं ली जाएगी। अंतिम फैसले तक ईपीएस 95 उच्च पेंशन पूर्व कार्मिकों को मिलती रहेगी। हाईकोर्ट के स्टे से पूर्व कार्मिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
केरल के 129 याचिकाकर्ताओं ने कानूनी लड़ाई लड़ी। भारत सरकार (Govt of India) के श्रम मंत्रालय एवं रोजगार विभाग (Ministry of Labour and Employment Departmen), क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) (Regional Provident Fund Commissioner Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) तिरुवनंतपुरम, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-1 (पेंशन),ईपीएफओ मुख्यालय, एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड के अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक, तिरुवनंतपुरम को पार्टी बनाया गया था।
रिट याचिका (सिविल) में अन्य बातों के साथ-साथ यह प्रार्थना की गई थी कि डब्ल्यूपी(सी) के साथ दायर हलफनामे में बताई गई परिस्थितियों में उच्च न्यायालय को एक्सटेंशन पी13 के अनुसार आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने और रिट याचिका के निपटारे तक याचिकाकर्ताओं द्वारा प्राप्त की जा रही उच्च पेंशन में कटौती/रोक न लगाने की कृपा की जाए।
याचिका और डब्ल्यूपी(सी) के समर्थन में दायर हलफनामे का अवलोकन करने और याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं पी.एन.मोहनन, सी.पी.सबरी, अमृता सुरेश और गिलरॉय रोजारियो, नीता एन.एस. की दलीलें सुनने के ऑर्डर जारी किया गया।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से बोल दिया है कि रिट याचिका के निपटारे तक एक अंतरिम आदेश होगा, जिसमें निर्देश दिया गया है कि यदि याचिकाकर्ताओं को उच्च पेंशन मिल रही है, जैसा कि दावा किया गया है, तो इस न्यायालय से आगे के आदेश प्राप्त होने तक इसमें कटौती नहीं की जाएगी।