Suchnaji

SAIL BSP के कर्मचारियों-अधिकारियों व परिवार की जान खतरे, भगवान भरोसे पानी टंकी, सेक्टर-9 हॉस्पिटल में बीपी की दवा तक नहीं

SAIL BSP के कर्मचारियों-अधिकारियों व परिवार की जान खतरे, भगवान भरोसे पानी टंकी, सेक्टर-9 हॉस्पिटल में बीपी की दवा तक नहीं
  • टाउनशिप में कचरा सफाई का ठेका खत्म होने से पहले से आधी गाड़ियां ही चलने पर नागरिकों को हो रही परेशानी का मुद्दा भी उठाया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों-अधिकारियों और उनके परिवार के लोगों की जान खतरे में डाल दी गई है। पानी टंकियों पर बदमाशों और अवांछनीय तत्वों का जमावड़ा हो गया है। शाम ढलते ही बदमाशों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान पानी टंकी बन चुका है। पूर्व मान्यता प्रापत यूनियन इंटक की बैठक में इस गंभीर विषय पर चर्चा की गई। प्रबंधन से मांग की गई है कि तत्काल यहां सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था करें। अन्यथा किसी दिन अनहोनी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

AD DESCRIPTION

ये खबर भी पढ़ें:   EPF Central Board Of Trustees का फैसला: EPFO अब देगा 8.15% ब्याज, जानें ईपीएफओ के पास कितने लाख करोड़ है…

स्टील इम्प्लाइज यूनियन इंटक के कार्यकारिणी की बैठक में टाउनशिप के पानी टंकियों के लिए कोई चौकीदार नहीं होने से असामाजिक तत्वों के ऊपर तक चढ़ जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई।

बैठक में टाउनशिप में कचरा सफाई का ठेका खत्म होने से पहले से आधी गाड़ियां ही चलने पर नागरिकों को हो रही परेशानी का मुद्दा भी उठाया गया। इसके अलावा सेक्टर-9 हॉस्पिटल में बीपी की दवाई नहीं मिलने एवं डॉक्टरों द्वारा मरीजों से असंवेदनशील व्यवहार करने पर नाराजगी व्यक्त की गई।

कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ सचिव ज्ञानेंद्र पांडेय ने कहा कि टाउनशिप के पानी टंकी की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पानी टंकी पर असामाजिक तत्व ऊपर तक चढ़ जाते हैं। यदि यह असामाजिक तत्व पानी टंकियों में कुछ डाल देंगे तो नागरिकों का जीवन खतरे में आ सकता है। उन्होंने कहा कि टाउनशिप में कचरा सफाई का टेंडर खत्म हो गया है।

ये खबर भी पढ़ें:  SAIL EO EXAM 2023: जूनियर ऑफिसर परीक्षा के रीजनिंग प्रश्न पत्र में न्यूनतम प्राप्तांक की सीमा हटाएं

एक्सटेंडेड टेंडर में पहले से आधी गाड़ियां ही चल रही है, जिसके कारण से नियमित कचरा सफाई नहीं हो पा रही है। प्रबंधन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। जीके सोनी ने कहा कि कोरोना खत्म हो जाने के बाद भी सेक्टर-9 हॉस्पिटल के ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को टच नहीं करते। दूर बैठाकर ही उनका मर्ज पूछते हैं।

डॉक्टरों का व्यवहार बहुत रुखा होता है। उन्होंने कहा कि सेक्टर-9 हॉस्पिटल में बीपी की दवाइयां नहीं मिल रही है। मेडिसिन में ऑनलाइन बुकिंग के बाद भी मरीज को अन्य मरीजों से बाद में देखते हैं।

सुनील खरवार ने कहा कि गर्मी का मौसम आ गया है। मेन गेट पर भी कर्मचारियों की लंबी लाइन लगती है, जिससे बहुत तकलीफ होती है। बोरिया गेट की तरह मेन गेट पर भी शेड बनाया जाए।

महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि पानी टंकी की सुरक्षा के प्रति टाउनशिप प्रबंधन की लापरवाही से नागरिकों की जान खतरे में आ सकती है। इसके लिए टाउनशिप प्रबंधन एवं बीएसपी प्रबंधन से चर्चा कर पानी टंकियों की सुरक्षा की व्यवस्था कराई जाएगी।

उन्होंने कहा कि सेक्टर-9 हॉस्पिटल के में बीपी की दवाई बार-बार खत्म हो जा रही है, जबकि संयंत्र में बहुत बड़ी संख्या में कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्य बीपी के मरीज हैं।

भिलाई प्रबंधन एवं मेडिकल प्रबंधन इसको गंभीरता से नहीं ले रहा है। कभी भी कर्मचारियों का आक्रोश चरम पर पहुंच सकता है, जिससे विषम परिस्थिति निर्मित होगी। इसके लिए शीर्ष प्रबंधन से बात कर व्यवस्था को सुधार कराया जाएगा। उन्होंने मेन गेट पर बोरिया गेट की भांति शेड बनाने के मुद्दे पर कहा कि इसके लिए प्रबंधन से चर्चा की गई है। प्रबंधन इस पर विचार कर रहा है।

बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष पूरण वर्मा, एसके बघेल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष कीचलू, चंद्रशेखर सिंह, पीवी राव, सच्चिदानंद पांडे, रमेश तिवारी, अजय मार्टिन, राजाराम पांडे, गिरिराज देशमुख, मदनलाल सिन्हा, सुनील खिचरिया, राजन मैथ्यू, अतिरिक्त महासचिव शेखर शर्मा, उप महासचिव धनेश प्रसाद, रमाशंकर सिंह, विपिन बिहारी मिश्रा, जयंत बराठे, पीके विश्वास, सीपी वर्मा, शिव शंकर सिंह, अनिमेष पसीने, कोषाध्यक्ष दीनानाथ सिंह सर्वा, सहायक कोषाध्यक्ष जीआर सुमन, वरिष्ठ सचिव रेशम राठौर, रमन मूर्ति, गुरुदेव साहू, राजकुमार, ज्ञानेंद्र पांडे, जीके अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।