कोशियारी समिति की रिपोर्ट पर 3000 पेंशन, 10 साल का एरियर दीजिए मोदीजी…

  • नाराज पेंशनर्स ने कहा-सरकार को वरिष्ठ नागरिकों से कोई सरोकार नहीं है।

सूचननाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। पीएम मोदी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ, किसान, मतदान और पेंशन पर एक बार फिर खुलकर ऐसे शब्द बोले गए हैं जो दिल को छू जाते हैं। रिटायरमेंट के बाद पेंशनर्स अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिए हुए हैं।

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पेंशनर्स करनैल पाल सिंह कहते हैं कि कम से कम कोशियारी समिति की रिपोर्ट को सरकार को लागू करना चाहिए, जिसने ईपीएस 95 योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम 3000 पेंशन की सिफारिश की है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कम से कम 10 साल का एरियर भी दिया जाना चाहिए।

Modiji, give 3000 pension and 10 years arrears on the basis of Koshiyari Committee report…

करनैल पाल सिंह ने कहा-इस सरकार ने देश पर 10 साल से अधिक समय तक शासन किया है। बहुत से सेवानिवृत्त लोगों की मृत्यु हो गई है, इसलिए प्राकृतिक न्याय को पूरा करने के लिए उनके जीवनसाथी को लाभ दिया जाना चाहिए।

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सत्यनारायण हेगड़े की बातों को भी पढ़िए

पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक अन्य पेंशनभोगी सत्यनारायण हेगड़े ने कहा- महोदय, अधिकांश किसान अशिक्षित हैं और पढ़ना-लिखना नहीं जानते हैं। वे मासूम हैं, लेकिन किसान-श्रेणी-बिरादरी के लोग दूसरों की तुलना में अधिक हैं और उन्हें प्रभावित कर रही है।

Modiji, give 3000 pension and 10 years arrears on the basis of Koshiyari Committee report…

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मतदाताओं का वर्गीकरण कर दिया पेंशनर्स ने

इसी तरह, मध्यम वर्ग और गरीब लोग भी। ये वास्तव में 140 (+) करोड़ के कुल भारतीय मतदाताओं का 60+% हैं और ये वास्तविक मतदाता बिरादरी हैं। और बाकी 40% में से अधिकतम 20% ही मतदान के लिए आ रहे हैं।

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इसीलिए मोदी किसानों से घुलमिल रहे हैं। उन्हें पता है कि उन्हें अधिकतम वोट पाने के लिए कहाँ जोर देना चाहिए। मोदी को वरिष्ठ नागरिकों से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि वे कभी भी मर सकते हैं और उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को अंतिम 20% की श्रेणी में ले लिया है, जो मतदान से अनुपस्थित रहते हैं।

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