- बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने कहा-यूनियन की मांग को मंत्री के सामने सांसद ने उठाया।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों के लंबित मामलों और विस्थापितों की समस्याओं का पिटारा धनबाद के सांसद ढुलु महतो ने इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी के सामने खोल दिया है।
सांसद ने मंत्री से मुलाकात कर कहा- सेल/ बीएसएल (SAIL BSL) कर्मचारियों का 39 महीने का वेजरिविजन का बकाया एरियर दिया जाए। सेल/बीएसएल कर्मचारियों का वेजरिवीजन वर्ष 01.01. 2017 से लंबित था। देय समय में वेजरिविजन नहीं हो सका फिर वर्ष 2021 में अगले दस वर्षों के लिए वेजरिविजन हुआ लेकिन एक जनवरी 2017 से वेतन बढ़ोत्तरी का एरियर कर्मचारियों को नहीं मिला है।
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एक अप्रैल 2020 से वेतन बढ़ोत्तरी का एरियर दिया गया जो की कम था कर्मचारियों को 39 महीने के एरियर के भुगतान के सम्बन्ध में कहा गया था की उनको पूरा भुगतान बाद में किया जायेगा लेकिन एरियर का भुगतान नहीं हो रहा है। इसलिए आग्रह है की एक जनवरी 2017 से 31 मार्च 2020 तक 39 महीने के एरियर का भुगतान किया जाए।
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मंत्री से और क्या मांग की गई
मान्यता प्राप्त यूनियन का चुनाव कराएं
बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) की स्थापना से अभी तक कभी भी मान्यता प्राप्त यूनियन का चुनाव नहीं हुआ है। एक ही यूनियन को छह दशक से मान्यता दी गयी है जो अन्याय की प्रकाष्ठा है।
खाली पड़े क्वार्टरों को लीज पर दिया जाए
बोकारो स्टील प्लांट के पास हजारों बी, सी, डी टाइप क्वार्टर खाली पड़े हैं जिससे राजस्व की हानि हो रही है साथ ही रख रखाव में काफी परेशानी हो रही है। इसलिए आग्रह है की खाली पड़े क्वार्टरों को पूर्व कर्मचारियों को लीज पर दिया जाए।
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ज्ञातव्य हो चौबीस साल पहले बीएसएल ने अपने जरूरत के लिए सभी क्वाटरों का लीज पर दिया था, लेकिन अभी सबसे छोटा क्वाटर ई टाइप ही लाईसेंस में दिया जा रहा है।
यह भी ज्ञात हो कि लीज और लाइसेंस में हजारो क्वाटर दिये गये है जिनका भाड़ा अलग-अलग है। इसलिए आग्रह है कि लीज और लाइसेंस आवास का भाड़ा एक समान किया जाए।
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ठेका मजदूरों को पूरा वेतन दिया जाए…
-बीएसएल में लगभग बीस हजार ठेका मजदूर है, जिनमे से आधे से अधिक बीएसएल के उत्पादन से जुड़े स्थायी प्रकृति के काम करते हैं। यह भी जात हो की ठेका मजदूरों को पूरा एटेंडेंस का वेतन नहीं मिलता है इसलिए आग्रह है की पूरा वेतन सुनिश्चित हो।
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-ठेका मजदूरों के हित में 9 जुलाई 2024 को केन्द्रीय सहायक श्रमायुक्त के साथ यूनियन के समझोते हुए जिसको लागू किया जाना बाकि है। आग्रह है की टेंडर बदले जाएँ लेकिन मजदुर पुराने रहे।
-वर्तमान में नियमित कामों से नये टेडर होने पर पुराने मजदूरो को हटा दिया जाता है फिर नये मजदूर बहाल किये जाते है जो ज्यादातर पुराने मजदूरी से कम कुशल होते हैं। इसका प्रतिकुल प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है।
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-अतः नया टेंडर होने पर भी पुराने मजदूरों से ही काम लिया जाए। साथ ही आग्रह है कि बीएसएल में दस प्रतिशत से कम राशि पर टेंडर नहीं दिया जाए और टेंडर की राशि का निर्धारण मार्केट रेट पर ही तय किया जाए।
-ठेका मजदूरी के कार्य स्थल में निधन होने पर बीएसल कर्मी के आश्रितों को नौकरी दी जाए।
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विस्थापित गाँव में पंचायत चुनाव के लिए BSL NOC दे
जमीन अधिग्रहण के पूर्व से ही प्लांट के उत्तरी क्षेत्र में 19 गाँव यथावत स्थिति में है। उक्त सभी गांवों के अगल बगल में बहुत दूर तक कोई उत्पादन यूनिट नहीं है, फिर भी BSL विकास का काम नहीं कर रहा है और न राज्य सरकार को विकास के लिए NOC दे रहा है, जिसके कारण उक्त क्षेत्र में पंचायत चुनाव नहीं हो पा रहा है। BSL को NOC देने का आदेश दिया जाए ताकि पंचायत चुनाव हो सके साथ ही विकास का रास्ता प्रसस्त हो सके ।
-पुनर्वास क्षेत्रों के विस्थापितों को निशुल्क बिजली पानी मुहैया करवाई जाए।
-विस्थापितों को उत्पीड़न से बचाने के लिए उनके संस्था को मान्यता दी जाए जैसे एसटी, एससी कर्मचारियों के उत्पीडन से बचाने के लिए सेल एसटी, एससी कर्मचारी फेडरेशन को मान्यता दी गयी है।
-विस्थापित बेरोजगारों को व्यवसाय के लिए भूखंड दिया जाने का आग्रह है।