शशि शेखर मोहंती को नेशनल मेटलर्जिस्ट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, SAIL Bhilai Steel Plant से रहा नाता

  • शशि शेखर मोहंती,नेशनल मेटलर्जिस्ट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से होंगे सम्मानित। इस्पात क्षेत्र के विकास में मोहंती का अतुलनीय योगदान।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारत सरकार (Government Of India) के इस्पात मंत्रालय (Steel Ministry) ने वर्ष 2023 के लिए एस्सार मिनमेट लिमिटेड के सीईओ और एमडी शशि शेखर मोहंती को इस्पात क्षेत्र के विकास में उनके अतुलनीय योगदान हेतु प्रतिष्ठित नेशनल मेटलर्जिस्ट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान करने की घोषणा की गई। इस खबर से देश के इस्पात बिरादरी मे खुशी की लहर दौड़ गई।

भिलाई,राउरकेला,बोकारो,दुर्गापूर,बर्नपुर,भुवनेश्वर,नई दिल्ली, जाजपुर, पारादीप जैसे इस्पात नगरी से लगातार बधाइयां मिल रही है।

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45 वर्षों से अधिक का शानदार करियर

इस्पात उद्योग में 45 वर्षों से अधिक के शानदार करियर के साथ शशि शेखर मोहंती ने धातुकर्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके व्यापक अनुभव में खनन से लेकर इस्पात मिलों तक के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हुए $14 बिलियन से अधिक की परियोजनाओं का प्रबंधन शामिल है।
खनन, खनिज प्रसंस्करण (जिसमें पेलेटाइजिंग और सिंटरिंग जैसी एग्लोमरेशन प्रक्रियाएँ शामिल हैं), लोहा बनाने, इस्पात बनाने और रोलिंग में उनकी विशेषज्ञता ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया है।

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इस्पात उद्योग में 1 बिलियन डॉलर से अधिक लागत की बचत

अपने पूरे करियर के दौरान, श्री मोहंती ने परिचालन में उल्लेखनीय सुधार, कार्यकुशलता में वृद्धि, तकनीकी उन्नयन और प्रक्रिया में सुधार किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस्पात उद्योग में 1 बिलियन डॉलर से अधिक की लागत बचत हुई है। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों और नेतृत्व ने उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

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सेल के निदेशक के रूप मे प्रौद्योगिकी उन्नयन मे महत्वपूर्ण भूमिका

शशि शेखर मोहंती ने धातुकर्म क्षेत्र में 45 वर्षों से अधिक की विशिष्ट सेवा के साथ इस्पात उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके व्यापक करियर में निदेशक (तकनीकी) और निदेशक-वाणिज्यिक का अतिरिक्त प्रभार, निदेशक परियोजनाएं और व्यवसाय योजना जैसी नेतृत्वकारी भूमिकाएं और नई दिल्ली में भारत सरकार के उपक्रम, भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के बोर्ड की सदस्यता शामिल है।

उन्होंने सेल की एक प्रमुख इकाई, बोकारो इस्पात संयंत्र के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया। सेल में उनके कार्यकाल में परिचालन दक्षता, प्रौद्योगिकी उन्नयन और प्रक्रिया में सुधार मे अहम भूमिका निभाई है।

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बीएसपी मे अनेक पदों पर अपने नेतृतव की छाप छोड़ी

उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र मे अनेक पदों पर अपनी छाप छोड़ी है। महाप्रबंधक (प्लेट मिल) सहित विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं में कार्य किया, जहां वे स्टील प्लेटों के उत्पादन और गुणवत्ता मे निरंतर सुधार लाने के साथ ही,महाप्रबंधक (सेवाएं) के रूप में, उन्होंने संयंत्र की आवश्यक सपोर्ट सर्विसेस के सुचारू संचालन को सुनिश्चित किया।

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कार्यपालक निदेशक (परियोजना) के रूप में उनके कार्यकाल में उन्होंने प्रमुख परियोजनाओं का प्रबंधन और क्रियान्वयन किया, जिससे संयंत्र की क्षमता और दक्षता में काफी वृद्धि हुई। बाद में, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) के रूप में, श्री मोहंती ने संयंत्र के समग्र संचालन की देखरेख, नवाचार को बढ़ावा देने और प्रक्रिया सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उत्पादकता और परिचालन उत्कृष्टता को बढ़ावा मिला।

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सेल के साथ साथ अनेक संस्थानों के उन्नयन मे महत्वपूर्ण भूमिका

सेल में अपनी भूमिकाओं के अलावा, श्री मोहंती विभिन्न अन्य क्षमताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। वे इंटरनेशनल कोल वेंचर माइनिंग(आईसीवीएल) के निदेशक थे, उनकी शैक्षणिक साख में एनआईटी, राउरकेला और वीएसएसयूटी के एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्र होना शामिल है, जो धातु विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए उनकी तकनीकी विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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अनुसंधान और विकास में श्री मोहंती का योगदान

अनुसंधान और विकास में मोहंती का योगदान समान रूप से उल्लेखनीय है, उनके नाम पर दो पेटेंट और 50 तकनीकी पेपर अंकित हैं। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के धातु प्रभाग के अध्यक्ष और क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया, भुवनेश्वर चैप्टर के चेयरमेन जैसे प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया है।

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उन्होंने क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया, भिलाई चैप्टर की स्थापना की और भारत सरकार के तहत स्टील रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडिया (एसआरटीएमआई) के संस्थापक निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन भूमिकाओं में उनके नेतृत्व ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्पात उद्योग के भीतर नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया है।

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