- दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध जांच कर आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में किसी गरीब बच्चे का शोषण न हो।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के अंतर्गत गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए पार्षद पीयूष मिश्रा ने बड़ा प्रयास किया है। वार्ड क्रमांक 38 के पार्षद द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
हाल ही में सेक्टर 11 स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सहायक नोडल अधिकारी द्वारा कई बीपीएल श्रेणी के गरीब बच्चों के आवेदन को मनमाने ढंग से निरस्त कर दिया गया। जब पालकों ने इसका कारण पूछना चाहा, तो उन्हें डांटा गया और धमकाया भी गया। यह गंभीर मामला पार्षद श्री मिश्रा के संज्ञान में आने पर उन्होंने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी से की।
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इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी आदेशों के अनुसार:
22 अप्रैल 2025 (पत्र क्रमांक 4825/शिक्षा का अधिकार/2025) को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि पात्र बच्चों को वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
28 अप्रैल 2025 (पत्र क्रमांक 6009/विविध/2025) के माध्यम से यह पुनः निर्देशित किया गया कि यदि कोई पात्रता प्रमाण पत्र में त्रुटि हो तो आवेदन को पुनः खोलकर उसकी जांच की जाए।
29 जुलाई 2025 को पार्षद पीयूष मिश्रा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पुनः स्पष्ट किया गया कि बिना उचित कारण किसी भी बच्चे को प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता और आवश्यकता अनुसार पुनः जांच की जाए।
पार्षद पीयूष मिश्रा ने कहा कि “यह केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि गरीब समाज के हक की लड़ाई है। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और उसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या मनमानी सहन नहीं की जाएगी।”
उन्होंने यह भी मांग की कि दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध जांच कर आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में किसी गरीब बच्चे का शोषण न हो।
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