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रेलवे प्रोजेक्ट: SAIL इस्को, दुर्गापुर स्टील प्लांट में अब जल्दी पहुंचेगा आयरन ओर-कोयला, रायपुर-संभलपुर की दूरी कम होगी 87 किलोमीटर

रेलवे प्रोजेक्ट: SAIL इस्को, दुर्गापुर स्टील प्लांट में अब जल्दी पहुंचेगा आयरन ओर-कोयला, रायपुर-संभलपुर की दूरी कम होगी 87 किलोमीटर
  • दिल्ली-हावड़ा और हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत मिलेगी।
  • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के प्लांट को सीधेतौर पर फायदा होगा।
  • प्रस्तावित नई रेलवे लाइन से ओडिशा के दो महत्वपूर्ण जिलों बरगढ़ और नुआपाड़ा में महत्वपूर्ण रूप से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी।
  • नई रेलवे लाइन संबलपुर और रायपुर के बीच की दूरी को लगभग 87 किलोमीटर कम कर देगी।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। रेल यात्रियों (Railway Passengers) के लिए अच्छी खबर है। देश के तीन महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट (Railway Project) को मंजूरी मिल गई है, जिससे अब आवाजाही में काफी सुविधा होगी। समय की बचत भी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से ओडिशा के संभलपुर जाने में करीब 87 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।

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वहीं, दिल्ली-हावड़ा और हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर (Delhi-Howrah and Howrah-Mumbai Corridor) के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के इस्को बर्नपुर और दुर्गापुर इस्पात (IISCO Burnpur and Durgapur Steel) संयंत्रों के लिए लौह अयस्क और कोयले के परिवहन को बढ़ावा देने वाली परियोजना भी आ रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय (Ministry of Railway) के तहत तीन महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनकी कुल अनुमानित लागत लगभग 6,456 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2028-29 तक परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है और निर्माण के दौरान लगभग 114 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।

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जिन तीन रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, इनमें जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल तीसरी लाइन, सारडेगा-भालुमुड़ा नई डबल लाइन और बरगढ़ रोड-नवापाड़ा रोड नई लाइन शामिल हैं।

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बरगढ़ रोड-नवापाड़ा रोड नई लाइन परियोजना, 2926 करोड़ रुपए होंगे खर्च

बरगढ़ रोड और नवापाड़ा रोड के बीच 2926 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 138 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित नई रेलवे लाइन से ओडिशा के दो महत्वपूर्ण जिलों बरगढ़ और नुआपाड़ा में महत्वपूर्ण रूप से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी। यह लाइन संबलपुर और रायपुर के बीच की दूरी को लगभग 87 किलोमीटर कम कर देगी।

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इससे अधिक सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था की सुविधा मिलेगी। पदमपुर में माल गोदाम चावल के परिवहन और सीमेंट, इस्पात और उर्वरकों को लाने के साथ-साथ प्रसिद्ध संबलपुरी हथकरघा कपड़ा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख केंद्र होगा।

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इसके अतिरिक्त विश्व प्रसिद्ध नृसिंहनाथ मंदिर की निकटता से क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से 47 लाख मानव-दिवस रोजगार सृजन होने की उम्मीद है। यह 3.3 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर 82 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को बचाकर पर्यावरणीय स्थिरता में अपना योगदान देगा।

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जमशेदपुर- पुरुलिया- आसनसोल तीसरी लाइन

जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल तीसरी लाइन परियोजना पश्चिम बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाले 121 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इसकी अनुमानित लागत 2170 करोड़ रुपये है। इस मल्टी-ट्रैकिंग पहल से यात्रियों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही में उल्लेखनीय रूप से सुधार होगा।

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बर्नपुर और दुर्गापुर में इस्पात संयंत्रों को मिली राहत

इससे पूरे क्षेत्र में सुगम और अधिक कुशल परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित होगी। यह परियोजना प्रमुख ट्रंक मार्गों (उच्च घनत्व नेटवर्क वाले मार्ग) विशेष रूप से दिल्ली-हावड़ा और हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जो बर्नपुर और दुर्गापुर में इस्पात संयंत्रों के लिए लौह अयस्क और कोयले के परिवहन को बढ़ाएगी और तैयार इस्पात उत्पादों की आवाजाही भी सुगमता से की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त यह परियोजना रणनीतिक रूप से मैथन बांध और चुरुलिया जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों के साथ-साथ कल्याणेश्वरी मंदिर और घागर बुरी चंडी मंदिर जैसे तीर्थ स्थलों के पास स्थित है। इस लाइन के निर्माण से 42 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन होने की उम्मीद है। इसके अलावा यह 3 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर 74 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को बचाकर पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देगा।

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सारडेगा-भालुमुड़ा नई डबल लाइन के 37 किमी पर 1360 करोड़ रुपये खर्च होंगे

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के सारडेगा को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के भालुमुड़ा से जोड़ने वाली नई दोहरी लाइन 37 किलोमीटर तक फैली हुई है। इसकी अनुमानित लागत 1360 करोड़ रुपये है।

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इस रेलवे लाइन से इन क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी जनजातीय आबादी को काफी लाभ होगा, जो आपस में मजबूत सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध साझा करते हैं। फिलहाल सारडेगा और भालुमुड़ा के बीच कोई बस सेवा नहीं है। इससे स्थानीय लोग निजी वाहनों पर ही निर्भर हैं।

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इस रेलवे लाइन के शुरू होने से आसपास के गांवों के लोगों के लिए कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा, जिससे यात्रा आसान और अधिक सुविधाजनक हो जाएगी। इस परियोजना के निर्माण के दौरान 25 लाख मानव दिवस रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद है। यह 3.4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर 84 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को बचाकर पर्यावरणीय स्थिरता में अपना योगदान देगा।

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