- Suchnaji.com ने स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया-एसडब्ल्यूएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद तपन से विशेष बातचीत की।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited)-सेल (SAIL) के कर्मचारियों की नजर 39 महीने क बकाया एरियर पर टिकी हुई है। इसका कोई फैसला नहीं हो रहा है। अब बोनस की बारी भी आ चुकी है। लेकिन, इसकी रकम भी घट सकती है। ऐसे में एनजेसीएस यूनियन क्या कर रही है?
प्रबंधन भाव क्यों नहीं दे रहा है? कर्मचारियों के लाखों रुपए के नुकसान का जिम्मेदार कौन? किस तरह से वेतन समझौता फाइनल होगा? सोशल मीडिया पर गाली-गलौज आदि तमाम सवालों का जवाब Suchnaji.com ने स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया-एसडब्ल्यूएफआई (Steel Workers Federation of India-SWFI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद तपन से पूछा।
दो दिवसीय वर्कशॉप में हिस्सा लेने भिलाई पहुंचे तपन सेन से सेक्टर-6 स्थित कार्यक्रम स्थल पर बातचीत हुई। पढ़िए एक-एक सवालों का जवाब।
प्रश्न: सेल कार्मिकों (SAIL Employees) के बकाया एरियर को लेकर क्या हो रहा?
उत्तर: एमओयू (MoU) पर सीटू (CITU) ने साइन नहीं किया है। कुछ यूनियनों ने एकजुटता को तोड़कर होकर साइन कर दिया। यूनियनों में एकता न होने की वजह से एमओयू साइन हुआ है। यही हानिकारक है। जिन लोगों ने एमओयू पर साइन है, उन्होंने वर्करों के पैर पर कुल्हाड़ी मार दी है। सेल प्रबंधन अब बोल रहा है कि एफोर्डेबिलिटी क्लाज़ (Affordability Clause) की वजह से एरियर (Arrears) देने की कंडीशन नहीं है।
प्रश्न: एफोर्डेबिलिटी क्लाज़ (Affordability Clause) है तो एमओयू कैसे साइन हुआ?
उत्तर: इसका जवाब साइन करने वाली यूनियन और प्रबंधन ही दे सकता है। इसी तरह से ग्रेच्युटी का भी एकतरफा आदेश निकाला गया था। सीटू कोलकाता हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ रहा है। रायपुर डिप्टी सीएलसी के यहां भी लड़ रहे हैं। बाकी यूनियन की कोई भूमिका कहीं दिख नहीं रही है।
साथ ही पेंशन में 6 प्रतिशत के बजाय 2 प्रतिशत अंशदान कर दिया। सेल के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ था, जो अब हो रहा है। एरियर कर्मचारियों का हक है, उसे लेकर रहेंगे।
प्रश्न: सेल प्रबंधन (SAIL Management) आखिर क्यों कर्मचारी विरोध फैसला ले रहा?
उत्तर: सेल प्रबंधन (SAIL Management) सरकार के इशारे पर खेल रहा है। आम वर्कर को मिलकर प्रबंधन पर दबाव बनाना होगा। कोयला इंडस्ट्री की घटना सबके सामने है। सीआइएल पूरा पैसा देने को तैयार है। हड़ताल को टलवा दिया।
प्रश्न: सेल मैनेजमेंट यूनियन (SAIL Management Union) को भाव क्यों नहीं दे रही?
उत्तर: मैनेजमेंट यूनियन (Management Union) को कभी भाव नहीं देता है। यूनियन (Union) को छीनना पड़ता है। मैनेजमेंट सरकारी नीति से पुष्टि लेता है, वहीं से बल मिलता है। प्रबंधन का जो हथकंडा है, वह जनता को भी नुकसान पहुंचा रही है। इसको रोकना यूनियन का काम है।
इसके लिए कर्मचारियों को जागरूक कर रहे हैं। अगर, हम दबाव बना पाएंगे तो मैनेजमेंट भाव देगा। स्टील इंडस्ट्री के निजीकरण को लेकर जब जब जरूरत पड़ी, सीटू सड़क पर उतरा। सेलम, अलाय को बचाने के लिए जमीन पर लड़े, किसी को अंदर घुसने नहीं दिए।
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प्रश्न: सोशल मीडिया (Social Media) पर सेल (SAIL) की बात बातचीत गाली-गलौज तक पहुंच चुकी है, एनजेसीएस व नेताओं को छोड़ा नहीं जा रहा?
उत्तर: अच्छी बात है कि कर्मचारी अपने हक की आवाज उठाते हैं। अपनी बात रखते हैं। चंद लोग सिर्फ सोशल मीडिया (Social Media) तक ही सीमित हैं, जमीन की लड़ाई की जरूरत है। हम सोशल मीडिया (Social Media) को भाव नहीं देते हैं। जो लोग सोशल मीडिया (Social Media) पर खेल रहे हैं, वह यूनियन से कर्मचारियों को दूर करने की चाल चल रहे हैं। सरकार भी यही चाह रही है। यूनियन को खत्म करना है। दोनों मिलकर वही काम कर रहे हैं। इससे नुकसान किसका होगा। कर्मचारियों का नुकसान हो रहा है…।
प्रश्न: एकजुटता की बात सिर्फ सुर्खियों तक रहती है, हकीकत क्यों नहीं बन रही?
उत्तर: यह वक्त झगड़ा, तकरार, तू-तू-मैं-मैं और टांग खींचने का नहीं है। सबको एकजुट होकर कर्मचारी हित में सड़क पर आना होगा। ताकत दिखानी होगी, तभी प्रबंधन भाव देगा। सीटू सबको एक साथ लाना चाहता है। लगातार पत्र लिख रहे और बाचतीत भी कर रहे हैं ताकि सब लोग एक मंच पर आ जाएं।
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प्रश्न: वेतन समझौता (salary agreement) को फाइनल करने का रास्ता क्या है?
उत्तर: साल 2017 से वेतन समझौता की अवधि है। 22 दिसंबर को पांच साल हो जाएगा। सीटू ने सुझाव दिया है कि इस तारीख से दो इंक्रीमेंट बढ़ाकर कर्मचारियों का आर्थिक लाभ किया जाए। इसके बाद ही फाइनल साइन हो पाएगी।
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प्रश्न: प्रोडक्शन-प्रोडक्टिविटी की बैठक में आप जा रहे हैं?
उत्तर: पांच अक्टूबर को होने वाली मीटिंग में मैं शामिल रहूंगा। प्रबंधन के लिए प्रोडक्शन-प्रोडक्टिविटी (Production – Productivity) की मीटिंग होगी। हमारे लिए बकाया एरियर और बोनस की है। मैं तो इस विषय पर बात उठाऊंगा। कर्मचारियों ने बढ़कर प्रोडक्टिविटी दिया। और 40 हजार से घटकर 28 हजार का बोनस मिलेगा, जिसे कौन स्वीकार करेगा…। बोनस फॉर्मूला ही गलत बनाया गया है। सेल प्रबंधन की साजिशों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। प्रबंधन हमेशा की सोच कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती की होती है। हम सबको अपना हक प्रबंधन से छिनना होगा।
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