SAIL नाइट शिफ्ट एलाउंस के साथ गले फंसा बायोमैट्रिक, INTUC ने कहा-फुल NJCS में पलटेंगे फैसला

  • इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर संजीवा रेड्डी को कर्मचारियों के गुस्से की जानकारी दी गई।
  • एनजेसीएस सदस्य व इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा-बायोमेट्रिक अटेंडेंस सब कमेटी का मुद्दा नहीं, जबरन साइन किया गया है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों के नाइट शिफ्ट एलाउंस (Night Shift Allowance) को लेकर बवाल मचा हुआ है। सेल के भिलाई स्टील प्लांट (SAIL- Bhilai Steel Plant), बोकारो, राउरकेला, इस्को बर्नपुर, दुर्गापुर आदि स्टील प्लांट के कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। 180 रुपए नाइट शिफ्ट एलाउंस के साथ बायोमेट्रिक पर भी साइन कराया गया है, जिसको लेकर एनजेसीएस यूनियनों (NJCS Unions) पर सवाल उठ रहे हैं। समझौते पर इंटक से हरजित सिंह, एचएमएस से राजेंद्र सिंह और बीएमएस से डीके पांडेय ने साइन किया है।

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नाइट शिफ्ट एलाउंस (Night Shift Allowance) के साथ बायोमेट्रिक की शर्त को जोड़ने पर इंटक ने ही सवाल उठा दिया है। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस (National Joint Committee for Steel Industry-NJCS) के सदस्य व इंटक भिलाई के महासचिव वंश बहादुर सिंह ने यह मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर संजीवा रेड्डी के सामने उठा दिया है।

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वंश बहादुर सिंह का कहना है कि रेड्डी जी से बात हुई है। बगैर आपस में बातचीत किए ही हरजित सिंह ने साइन कर दिया है। इसको लेकर कर्मचारियों में खासा नाराजगी है। एनजेसीएस सब कमेटी के समझौते को एनजेसीएस फुल कमेटी की मीटिंग में बदला जा सकता है। पिछले दिनों पदनाम में असिस्टेंट शब्द का उदाहरण है। इसलिए अब भी समय है कि बायोमेट्रिक को हटाया जाए। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि मैं इस पर बात करता हूं। बायोमेट्रिक शब्द को हटाने की पूरी कोशिश करूंगा।

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बायोमैट्रिक अटेंडेंस सब कमेटी का मुद्दा नहीं

वंश बहादुर सिंह का कहना है कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस सब कमेटी का मुद्दा नहीं हैl नाइट शिफ्ट एलाउंस के बहाने प्रबंधन सभी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक के दायरे में लाना चाहता हैl बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम वाले प्वाइंट से हम सहमत नहीं हैंl भिलाई में बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने पर हमारा विरोध जारी रहेगा।

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नाइट शिफ्ट के नाम पर कोई खेल तो नहीं…

वहीं, प्रबंधन की तरफ से यह भी चर्चा है कि नाइट शिफ्ट एलाउंस के नाम पर गलत इस्तेमाल न होने पाए। इसलिए बायोमेट्रिक की शर्त लगाई गई है। नाइट शिफ्ट ड्यूटी करने वालों की अच्छी संख्या है। इसलिए प्रबंधन ने किसी तरह के विवाद से बचने के लिए बायोमेट्रिक शब्द को शामिल किया। लेकिन, प्रबंधन का यह दांव ही उलट गया है। कर्मचारियों और यूनियन नेताओं ने ही विरोध कर दिया है।

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साइन करने वाले तीनों नेता रिटायर्ड

बता दें कि नाइट शिफ्ट एलाउंस समझौते पर साइन करने वाले तीनों नेता रिटायर हो चुके हैं। कर्मचारियों से सीधा सामना प्लांट में होना नहीं है। इसलिए जोखिम उठाने से नहीं चूके। इंटक से हरजित सिंह इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट से रिटायर हो चुके हैं। इंटक के लोगों का ही आरोप है कि उनसे पूछा भी नहीं गया। एचएमएस के राजेंद्र सिंह बोकारो से रिटायर और बीएमएस के डीके पांडेय भी सेल के आइएसपी के पूर्व कर्मचारी हैं।

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