अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर SAIL चेयरमैन के हाथों मिला तोहफा, RSP, BSL, ISP, DSP सुर्खियों में

SAIL Commemorates International Day of Persons with Disabilities
ट्राइसाइकिल, मोटर चालित ट्राइसाइकिल, स्मार्ट केन, दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्मार्टफोन और श्रवण यंत्र वितरित किए गए।
  • राउरकेला में नेत्रहीन, बधिर और मानसिक विकलांग बच्चों के लिए स्कूल और ‘होम एंड होप’।
  • बोकारो में ‘आशालता केंद्र’, ‘विकलांग उन्मुख शिक्षा कार्यक्रम’।
  • दुर्गापुर में ‘दुर्गापुर विकलांग हैप्पी होम’ और बर्नपुर में ‘चेशायर होम’।

सूचनाजी न्यूज, नई दिल्ली। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) (Steel Authority of India Limited-SAIL) ने नई दिल्ली स्थित अपने कॉर्पोरेट कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में दिव्यांग व्यक्तियों (दिव्यांगजनों) के विभिन्न वर्गों को सहायक उपकरण वितरित करके ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ मनाया।

कंपनी ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत इस प्राथमिकता कार्यक्रम का आयोजन किया। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के सहयोग से आयोजित इस पहल के तहत लाभार्थियों की गतिशीलता और संचार को बढ़ाने के लिए ट्राइसाइकिल, मोटर चालित ट्राइसाइकिल, स्मार्ट केन, दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्मार्टफोन और श्रवण यंत्र जैसे सहायक उपकरण वितरित किए गए।

इस प्रयास के लगातार तीसरे वर्ष को चिह्नित करते हुए, यह कार्यक्रम इस वर्ष के चरणबद्ध वितरण अभियान की शुरुआत का प्रतीक है, जो सेल के संयंत्रों और इकाइयों में आयोजित किया जाएगा।

सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर उद्घाटन समारोह की अगुवाई की और सामाजिक समावेशिता तथा दिव्यांग व्यक्तियों के समर्थन के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

इस अवसर पर सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने कहा, “सेल में हम दिव्यांगजनों की अदम्य भावना को सलाम करते हैं। वे अद्वितीय शक्ति और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। सेल हमेशा उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सेल वर्तमान में अपने संयंत्रों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाओं का समर्थन करता है, जिसमें राउरकेला में नेत्रहीन, बधिर और मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए स्कूल और ‘होम एंड होप’, बोकारो में ‘आशालता केंद्र’, ‘विकलांग उन्मुख शिक्षा कार्यक्रम’, दुर्गापुर में ‘दुर्गापुर विकलांग हैप्पी होम’ और बर्नपुर में ‘चेशायर होम’ शामिल हैं।