-आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज को एआइसीटीई से अब तक एप्रुवल नहीं मिला है। इस वजह से कोई खतरा मोल नहीं लिया जाएगा। आइएसपी कर्मचारियों के बाबत कॉलेज को एप्रुवल मिलने के बाद ही प्रवेश लेंगे।
सूचनाजी न्यूज, बर्नपुर। सेल के इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट के डिप्लोमा इंजीनियर्स के लिए खास खबर है। प्लांट में कामकाज के साथ बी.टेक/बीई करने और फीस स्ट्रक्चर को लेकर बड़ी बैठक हुई है। बर्नपुर डिप्लोमा इंजीनियर वेलफेयर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी लव कुमार मन्ना के मुताबिक फिलहाल, एडमिशन के लिए इंतजार किया जाएगा। प्रबंधन से एनओसी मिल रही है, बावजूद अभी कोई प्रवेश नहीं लेगा।
आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज को एआइसीटीई से अब तक एप्रुवल नहीं मिला है। इस वजह से कोई खतरा मोल नहीं लिया जाएगा। आइएसपी कर्मचारियों के बाबत कॉलेज को एप्रुवल मिलने के बाद ही प्रवेश लेंगे।
वहीं, फीस को लेकर भी कॉलेज प्रबंधन के साथ बात हुई है। सवा 2 लाख में कोर्स कराने की बात कही गई है, जबकि शहर के अन्य कॉलेज में 1 लाख 70 हजार में कोर्स हो रहा है। इसलिए आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज प्रबंधन से फीस कम करने पर भी बातचीत हुई है।
प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि इस पर सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। आइएसपी कर्मचारियों के शर्त है कि आसनसोल निगम क्षेत्र में ही पढ़ाई करेंगे। इस वजह से आसनसोल कॉलेज अधिक फीस ले रहा है, जिसके खिलाफ आवाजज उठाई गई है।
तमाम मुद्दे को लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज प्रबंधन के साथ बैठक की है। अपना मांग पत्र सौंप दिया है। संशोधित शुल्क संरचनाओं के संबंध में एआईसीटीई अनुमोदन के उचित दस्तावेज प्रदान करने का आवेदन किया गया है।
एसोसिएशन का कहना है कि विशेष रूप से पंजीकृत उद्योग/संगठन में कार्यरत पेशेवरों के लिए कार्यक्रम के लिए एआईसीटीई द्वारा निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए अनुमोदित विषयों में बी.टेक/बीई के संबंध में चर्चा की गई है।
प्रति माह लगभग 5000 यानी 30,000 प्रति सेमेस्टर के कुल खर्च को ध्यान में रखते हुए एक संशोधित फीस संरचना प्रदान की जाए, जिसमें प्रति सेमेस्टर 3 से 5 किस्तों की सुविधा हो, तो लगभग 72 डिप्लोमा इंजीनियर लाभान्वित होंगे।
सभी डिप्लोमा इंजीनियरों की सबसे बड़ी चिंता एआईसीटीई अधिसूचना दिनांक 24 जुलाई 2023 (नोटिस इसके साथ संलग्न) को लेकर थी, जिसमें इच्छुक कॉलेजों को कामकाजी पेशेवरों के लिए रनिंग कोर्स के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया था।
कॉलेज प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि कॉलेज ने इसके लिए आवेदन किया है और जल्द ही एआईसीटीई से अनुमति मिल जाएगी। दूसरी चिंता शुल्क संरचना को लेकर थी, कई सदस्यों ने शुल्क को यथासंभव कम रखने का अनुरोध किया।