ग्रेच्युटी कटौती के खिलाफ दायर पहले दावा प्रकरण की हर सुनवाई में BSP प्रबंधन की ओर से पैरवी करने अलग-अलग प्रतिनिधि पहुंचते हैं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। इस्पात कर्मियों को प्राप्त असीमित ग्रेच्युटी को एकतरफा आदेश जारी कर सीमित (Gratuity ceiling) कर दिए जाने के खिलाफ सीटू (CITU) द्वारा परिवाद, याचिका दायर किए जाने के पश्चात अब यूनियन के मार्गदर्शन में लगातार सेवानिवृत्त कर्मियों द्वारा दावा प्रकरण दायर किए जाने से प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब तक की सुनवाई और गतिविधियों की जानकारी यूनियन पदाधिकारियों को बताई गई।
ये खबर भी पढ़ें: चुनावी जुमला था 50 ग्राम सोना, SAIL कर्मचारियों मायूस मत होना…
6 सुनवाई के पश्चात भी कम ग्रेच्युटी भुगतान के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा दायर किए जा रहे आवेदनों में से पहले आवेदन पर गुरुवार को हुई सुनवाई में भी प्रबंधन प्रतिनिधि के रूप में 2 अन्य अधिकारी उपस्थित हुए, किन्तु वे कोई स्पष्ट रुख नहीं रख कर दावा आवेदन को अस्पष्ट बताया और दावा आवेदन के औचित्य को लेकर स्पष्टीकरण की मांग करते हुए मामले को आवेदक के पाले में डालने की कोशिश की।
हर सुनवाई में पहुंचते है अलग अधिकारी
ग्रेच्युटी कटौती के खिलाफ दायर पहले दावा प्रकरण की हर सुनवाई में BSP प्रबंधन की ओर से पैरवी करने अलग-अलग प्रतिनिधि पहुंचते हैं। अब तक प्रबंधन की ओर से वरिष्ठ प्रबंधक (कार्मिक-कोक ओवन) राम राव, अधिवक्ता समीर त्रिपाठी, महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध) जेएन. ठाकुर, महाप्रबंधक (नियम) अनुराधा सिंह, महाप्रबंधक विधि संजय द्विवेदी महाप्रबंधक प्रभारी (विधि) संतोख सिंह तथा वरिष्ठ प्रबंधक (नियम) तुषार राय चौधरी उपस्थित हो चुके हैं। और हर बार उपस्थित होने वाले अधिकारी पहली उपस्थिति की दुहाई दे कर प्रकरण को समझने की बात कह कर अगली सुनवाई की मांग करते हैं।
आवेदक प्रतिनिधि की कड़ी आपत्ति के पश्चात प्रबंधन को रखना पड़ा अपना प्रारंभिक रुख
हर सुनवाई में प्रबंधन की ओर से बिना किसी अधिकार पत्र प्रस्तुत किए अलग-अलग अधिकारियों के उपस्थित होने एवं कोई प्रत्युत्तर ना प्रस्तुत कर अगली सुनवाई की मांग करने पर आवेदकों की ओर से पैरवी कर रहे छत्तीसगढ सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष एसपी डे द्वारा कड़ी आपत्ति की गई, जिसे स्वीकारते हुए नियंत्रक अधिकारी राहुल शर्मा ने प्रबंधन प्रतिनिधि को निर्देशित किया कि वे अगली सुनवाई में उन सभी अधिकारियों या अधिवक्ता के नाम अधिकार पत्र प्रस्तुत करें, जो इस तरह में प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करेंगे।
आवेदक प्रतिनिधि एसपी.डे द्वारा यह मांग भी की गई दावा आवेदन में दावा की गई राशि पर प्रबंधन अपना रूख (अर्थात बाबा की गई राशि स्वीकार्य है या नहीं) स्पष्ट रुप से कार्यवाही अभिलेख में दर्ज करवाए। प्रबंधन प्रतिनिधि को औपचारिक रुप से नोट शीट में दर्ज करवाना पड़ा कि सेवानिवृत्त आवेदक गण को सेल ग्रेच्युटी रूल के तहत ग्रेच्युटी भुगतान किया गया है और प्रबंधन के द्वारा दावा की गई राशि को अस्वीकार करते हैं।
ये खबर भी पढ़ें: BSP के अधिकारियों को पाली और कर्मचारियों को मिला कर्म शिरोमणि अवॉर्ड, पढ़िए नाम
अगली सुनवाई में प्रबंधन की ओर से कैलकुलेशन शीट प्रस्तुत की जाएगी
सीटू नेता की मांग पर नियंत्रक अधिकारी राहुल शर्मा ने प्रबंधन को निर्देशित किया कि अगली सुनवाई में वे ग्रेच्युटी गणना शीट एवं ग्रेच्युटी नियम बनाने का आधार भी प्रस्तुत करें।