- बीएकेएस का आरोप-बोकारो इस्पात प्रबंधन द्वारा बगैर किसी यूनियन का ही वर्षों से बीरेंद्र नाथ चौबे को रिकॉगनाईज्ड यूनियन लीडर का लाभ दिया जा रहा है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSL Unofficial Employees Union) ने डीएलसी धनबाद को पत्र लिख कर प्रबंधन द्वारा बगैर किसी निबंधित यूनियन के ही खास व्यक्ति को रिकॉगनाईजेशन देने पर अनुचित श्रम व्यवहार करने के विरुद्ध संज्ञान लेने के लिए पूनः स्मरण आवेदन दिया है।
वहीं, पूर्व में डीएलसी धनबाद द्वारा निबंधित यूनियनों के साथ कमेटी काउंसिल बनाने के लिए दिए गए निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर भी संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि बोकारो इस्पात प्रबंधन द्वारा बगैर किसी यूनियन का ही वर्षों से बीरेंद्र नाथ चौबे को रिकॉगनाईज्ड यूनियन लीडर का लाभ दिया जा रहा है।
साथ ही एनजेसीएस में बीएसएल कर्मचारियों की तरफ से वह समझौता भी कर रहे हैं। झारखण्ड सरकार ने बोकारो वर्कर यूनियन के महामंत्री के तौर पर चंद्रशेखर दुबे को मान्यता प्रदान किया है। इस तरह खास व्यक्ति को रिकॉगनाईज्ड लीडर का लाभ देना औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का सेक्शन 5 में दर्ज अनूचित श्रम व्यवहार की श्रेणी में आता है।
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वहीं, दूसरी तरफ झारखण्ड सरकार तथा डीएलसी धनबाद द्वारा कमेटी काउंसिल (Committee Council) बनाने का निर्देश देने के बावजूद अभी तक बोकारो इस्पात संयंत्र में मान्यता प्राप्त निबंधित यूनियनों के साथ कमेटी काउंसिल नहीं बनाना भी अधुचित श्रम व्यवहार की श्रेणी में आता है।
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बीएकेएस बोकारो के महासचिव दिलीप कुमार का कहना है कि बोकारो स्टील प्रबंधन (Bokaro Steel Plant Management) द्वारा बगैर किसी यूनियन का ही बीरेंद्र नाथ चौबे को रिकॉगनाईज्ड यूनियन का लाभ देना बहुत ही बड़ा अनूचित श्रम व्यवहार है। अगर बीएसएल प्रबंधन श्रम कानूनों का अनुपालन नहीं करती है तो हम बीएसएल प्रबंधन को पार्टी बनाकर उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे।