- विभागीय प्रतिनिधियों ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन कर्मचारियों की लगातार सुविधाओं को लागू करने में असफल रहा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के यूनियन चुनाव में कई साल पूर्व तक दूसरे-तीसरे नंबर पर रहने वाली इस्पात श्रमिक मंच एक बार फिर से सक्रिय हो गई है। खोया हुआ जनाधार हासिल करने के लिए दफ्तर में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। कर्मचारियों के मुद्दे पर प्रबंधन के खिलाफ बयानबाजी शुरू हो गई।
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इस्पात श्रमिक मंच यूनियन की बैठक कार्यालय सेक्टर- 6 भिलाई में आयोजित की गई। जिसमें एक मत से यूनियन के सभी पदाधिकारीगण एवं समस्त विभागीय प्रतिनिधियों ने रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) का जबरदस्त विरोध किया।
उपस्थित विभागीय प्रतिनिधियों ने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) कर्मचारियों की लगातार सुविधाओं को लागू करने में असफल रहा है।
लगातार कई फोरम में भिलाई संयंत्र प्रबंधन के समक्ष समस्त यूनियनों ने कर्मचारियों की विभिन्न समस्याएं जैसे कि 30 माह से अधूरा वेतन समझौता, 39 माह का बकाया एरियर,नाइट शिफ्ट एलाउंस, नए बेसिक पर एचआरए, घटिया कैंटीन व्यवस्था है।
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इसी तरह घटिया रेस्ट रूम, अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की किल्लत, टाउनशिप में सीवरेज साफ-सफाई एवं मकान मेंटेनेंस की समस्याएं, बच्चों के बंद होते स्कूल ऐसी ढेरो कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन नाकाम रहा है।
इस बीच भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन कर्मचारियों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (radio frequency identification) से अटेंडेंस सिस्टम को लागू करने में आमादा है। इस्पात श्रमिक मंच यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी आरडी देशलहरा ने बैठक को संबंध करते हुए कहा कि, पुरानी अटेंडेंस विधि से ही संयंत्र का कर्मचारी हर विभाग में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। जिसकी खबरें हमेशा भिलाई संयंत्र प्रबंधन के द्वारा लगातार मीडिया से आ रही है। फिर ऐसी गैर जरूरी पद्धति में कंपनी के लाखों रुपए खर्च करने की क्या आवश्यकता है?
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यूनियन के संरक्षक सर्वजीत सिंह ने कहा कि ऐसी अफवाह फैलाई जा रही है,कि इस सिस्टम को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से आदेश दिया गया है। ऐसा कोई लिखित आदेश भिलाई प्रबंधन को प्राप्त है तो इस संबंध में इस्पात श्रमिक मंच यूनियन प्रबंधन से बैठक कर जानकारी प्राप्त करेगा।
महासचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि मंच यूनियन पूरी वस्तुस्थिति साफ होने तक कर्मचारी की इच्छा के विरुद्ध ऐसी उपस्थित पहचान बायोमेट्रिक विधि का विरोध करेगा।