
- एनजेसीएस की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सूचनाजी न्यूज, किरीबुरू। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) में बायोमेट्रिक से उठी आग की लपटें अब चुनाव के दहलीज तक आ चुकी है। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-NJCS (National Joint Committee for Steel Industry-NJCS) के गठन में अपनाए गए तरीके को सुधारने की अर्जी झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरू ने उप मुख्य श्रम आयुक्त धनबाद के समक्ष दाखिल की है। साथ ही झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस में यूनियन चुनाव की आवाज भी उठा दी गई है।
यूनियन के महासचिव राजेंद्र सिंधिया का कहना है NJCS के सदस्य के रूप में सेल में कार्यरत कर्मचारियों को ही स्थान मिले, जो किसी भी श्रमिक संगठनों से ताल्लुक रखते हों। और मान्यता प्राप्त यूनियन से हो। बाहरी नेताओं जैसे किसी केंद्रीय श्रमिक संगठनों से हों, उन्हें भी मान्यता प्राप्त के तहत सिर्फ एक को स्थान मिले।
बाकी मान्यता प्राप्त यूनियन से तीन-तीन सदस्य रहे। Nominated सदस्य की पद्धति समाप्त हो। बाहरी नेताओं ने कर्मचारियों को सिर्फ ठगने का काम किया है। तत्कालीन व्यवस्था के तहत NJCS का गठन हुआ था। आज 2025 है। सेल में अनेक परिवर्तन हुआ है तो NJCS का पुनर्गठन क्यों नहीं? वक्त बदला है, लोग बदले हैं तो NJCS की पद्धति क्यों नहीं बदल रही है।
सेल प्रबंधन (SAIL Management) मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन चुनाव के पक्ष क्यों नहीं है। इससे प्रबंधन की मानसिकता पर सवाल उठता है। श्रम कानून की भी अनदेखी की जा रही है। किरीबुरू खदान में कई सालों से मान्यता प्राप्त यूनियन का चुनाव नहीं हुआ है। प्रबंधन ने भी स्वीकार किया है। इस पर झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, किरीबुरू काउंटर केस कर चुनाव की माँग कर दिया है।
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