बीकेएएस ने कहा-एनजेसीएस नेताओं की नाकामी ने कर्मचारियों की परेशानी बढ़ाई
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 7 अगस्त 2023 को इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste) ने राज्यसभा (Rajyasabha) में गैर कार्यपालक कर्मियों के लिए सेल कॉरपोरेट कार्यालय (SAIL Corporate Office) की ट्रांसफर पॉलिसी (Transfer Policy) पर जवाब दिया था। राज्य सभा सांसद धीरज प्रसाद साहू (Dheeraj Prasad Sahu) ने इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel) से प्रश्न पूछा था। उक्त प्रश्न के जवाब में इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने जवाब दिया था कि सेल कारपोरेट कार्यालय दो तरीके से गैर कार्यपालक कर्मियों का ट्रांसफर करता है।
पहला कर्मियों द्वारा सीटीसी रुट (CTC Route) से किए गए आवेदन के आधार पर, दुसरा आर्गेनाईजेशनल नीड (Organization Need) के आधार पर। दूसरे जवाब पर बीएकेएस (BAKS) ने इस्पात राज्य मंत्री को शिकायती पत्र भेजा है, जिसमे सेल कारपोरेट कार्यालय के पास आर्गेनाईजेशनल नीड के तहत कोई लिखित ट्रांसफर पॉलिसी नहीं है। यह कुछ अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के बीच भय का माहौल स्थापित करने के लिए साजिश है।
सेल केंद्र सरकार का उपक्रम है। बगैर किसी पॉलिसी के कर्मचारियों (Employees) का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। वहीं, सेल कारपोरेट कार्यालय द्वारा किसी भी गैर कार्यपालक कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जाती है, बल्कि सेल की यूनिट द्वारा इंडस्ट्रीयल इम्प्लाइमेंट एक्ट (Industrial Employment Act) (स्टैण्डिंग ऑर्डर (Standing Order)) 1896 के तहत ही नियुक्ती की जाती है, जिसके कारण सेल की सभी यूनिटों का स्टैंडिंग ऑर्डर अलग अलग है। स्टैण्डिंग ऑडर्र अलग-अलग होने के कारण सभी यूनिटों की प्रमोशन पॉलिसी, नियुक्ति प्रक्रिया, छुट्टियों की संख्या, इंसेंटिव रिवार्ड, ड्युटी समय आदि अलग-अलग है।
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औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 (Industrial Disputes Act 1947) के प्रावधानों का उल्लंघन कर सेल प्रबंधन (SAIL Management) द्वारा कर्मचारियों का सर्विस कंडिशन (Service Condition) बदला गया है। वहीं, सीटीसी ट्रांसफर पॉलिसी पर भी रिकॉगनाईज्ड यूनियनों (Recognized Unions) से कोई समझौता नहीं किया गया है, जबकि सेल (SAIL) के सभी गैर कार्यपालक कर्मचारी यूनियनाईज्ड वर्कमैन कैटोगरी में आते हैं।
इस्पात मंत्रालय सेल में दखल दे
वेज रीविजन से लेकर कई मुद्दों पर सेल प्रबंधन निजी मालिकों जैसा व्यवहार कर रहा है। इस्पात मंत्री से लेकर कई अधिकारियों को इन मुद्दों पर कई पत्र लिखा गया है लेकिन मंत्रालय में बैठे अधिकारी किसी पत्र का जवाब नहीं दे रहे हैं। जल्द ही हम इस्पात मंत्रालय को पार्टी बनाकर कानून की शरण में जाएंगे।
-अमर सिंह, अध्यक्ष
सेल प्रबंधन के पास आॉर्गेनाइजेशनल नीड के तहत कोई ट्रांसफर पॉलिसी नहीं है।
एनजेसीएस नेताओं की स्वामी भक्ति के कारण प्रबंधन लगातार एकतरफा निर्णय लेते जा रहा है। श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन कर भिलाई के कर्मियों का स्टैण्डिंग ऑर्डर बदला गया है। सुविधा तथा पैसा देने के लिए मैनेजमेंट के पास स्टैण्डिंग ऑडर्र का बहाना होता है। वहीं, ट्रांसफर करने के लिए सीडीए रुल को लागू करती है।
–अभिषेक सिंह-महासचिव