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संविधान हत्या दिवस: मनीष पांडेय बोले-आपातकाल की भयावह स्मृतियां लोकतंत्र के माथे पर कलंक

संविधान हत्या दिवस: मनीष पांडेय बोले-आपातकाल की भयावह स्मृतियां लोकतंत्र के माथे पर कलंक
  • 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लगाया था आपातकाल।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं श्रीराम जन्मोत्सव समिति (Bhaj Yuva Morcha State Working Committee Member and Shri Ram Janmotsav Committee) के युवा विंग अध्यक्ष मनीष पाण्डेय ने केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किए जाने के निर्णय का स्वगात किया है। उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए पीएम नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए कहा कि आज भी आपातकाल की भयावह स्मृतियां हमारे लोकतंत्र के माथे पर कलंक हैं। यह दिवस हर नागरिक के मन में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सम्मान व विश्वास की लौ को सदैव प्रज्वलित रखेगा।

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मनीष पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लोकनिष्ठ नेतृत्व में भारत सरकार का प्रत्येक वर्ष 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस (Sanvidhan Hatya Divas)’ के रूप में मनाने का निर्णय अभिनंदनीय है। 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हमारे महान संविधान का गला घोंटते हुए देश पर ‘आपातकाल’ थोप कर भारतीय लोकतंत्र की हत्या का कुप्रयास किया था।

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उन्होंने कहा कि असंख्य सत्याग्रहियों के बलिदानों के पश्चात देश में लोकतंत्र पुनर्स्थापित हुआ, किंतु आज भी आपातकाल की भयावह स्मृतियां हमारे लोकतंत्र के माथे पर कलंक के समान विद्यमान हैं।

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कांग्रेस जैसे अधिनायकवादी, तानाशाही दलों की संविधान और लोकतंत्र विरोधी कुचेष्टाओं तथा षड्यंत्रों के प्रति हर भारतीय को सजग और सचेत रखने का प्रयास ‘संविधान हत्या दिवस (Sanvidhan Hatya Divas)’ भारतीय लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करेगा। निश्चित ही यह दिवस हर नागरिक के मन में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सम्मान व विश्वास की लौ को सदैव प्रज्वलित रखेगा।

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