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पहलवान बेटियों के साथ सरकार की बेरुखी, SAIL के श्रमिक संगठन दुखी, महिलाएं भी दिखीं

पहलवान बेटियों के साथ सरकार की बेरुखी, SAIL के श्रमिक संगठन दुखी, महिलाएं भी दिखीं

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 28 मई को दिल्ली जंतर मंतर पर पहलवान बेटियों के साथ केंद्र सरकार के इशारे पर पुलिस महकमा ने जिन घटनाओं को अंजाम दिया, उसके विरोध में पूरे देश में श्रम संगठनों एवं किसान संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। भिलाई में सिविक सेंटर छोटा परिवार चौक अर्थात बेरोजगार चौक पर भिलाई के श्रम संगठन एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर भाजपा सांसद एवं निवर्तमान कुश्ती संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।

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इस अवसर पर सीटू, एटक, एक्टू, लोइमु, जनवादी महिला समिति, प्रगतिशील लेखक संघ, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा कार्यकर्ता समिति, स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया, इप्टा के लोग उपस्थित थे।

क्या शोषण को पोषण कर रही है केंद्र सरकार
यूनियन नेताओं ने कहा कि जंतर मंतर पर बैठी महिला पहलवान बेटियों ने खुलकर यौन शोषण का आरोप लगाया। जनवरी में जब वह आंदोलनरत हुई, तब सरकार ने जांच का आश्वासन देकर आंदोलन को बंद करवाया। निश्चित समय तक इंतजार करने के बाद जब सरकार की तरफ से कोई हलचल नहीं हुई, तब अप्रैल से फिर आंदोलन शुरू हुआ।

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अब यह आंदोलन पूरे देश की महिलाओं का आंदोलन बनता जा रहा है। वहीं, हम केंद्र सरकार को देखते हैं कि वह शोषण करने वाले दोषियों को पकड़ने की बजाएं उनका पोषण करने में लगी हुई है केंद्र सरकार की यह हरकतें महिलाओं के प्रति सरकार के नजरिया को पूरे देश के सामने उजागर कर दिया है।

एक्ट की नौटंकी में उलझा प्रशासन
नेताओं ने कहा कि देश का कानून कहता है कि नाबालिग के यौन शोषण के मामले में पॉक्सो एक्ट लगता है। वहीं, बालिग लड़की के यौन शोषण के मामले में यौन शोषण की अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज होता है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि पॉक्सो एक्ट लगते ही पहले गिरफ्तारी होती है, उसके बाद जांच की जाती है।

किंतु सरकार इस बात की जांच कर रही थी कि लड़की बालिग है या नाबालिग। इसीलिए उस पहलवान बेटी का जन्म प्रमाण पत्र खंगाला जा रहा था। जब उन्हें प्रमाण पत्र में यह मिल गया है कि लड़की बालिग हो चुकी है तो जोर-जोर से दहाड़ने लगे हैं कि लड़की बालिग है। इसीलिए पॉक्सो एक्ट नहीं लगेगा।

यूनियन ने इस पूरे मामले को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उस पहलवान बेटी का यौन शोषण कब हुआ, उस समय वह लड़की बालिग थी या नाबालिक, यह सब जांच का विषय है। किंतु जिस पर यौन शोषण का आरोप लगा है उस भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अविलंब गिरफ्तारी किया जाना जरूरी है, जिसे बचाने के लिए पूरा शासन प्रशासन एवं पुलिस महकमा इस तरह की उधेड़बुन में लगा हुआ है, जिसका पूरा देश विरोध कर रहा है।

गिरफ्तारी होते तक जारी रहेगा आंदोलन
श्रमिक नेताओं ने कहा कि जंतर मंतर से शुरू हुआ यह आंदोलन अब पूरी देश का आंदोलन बन चुका है। इसमें देश की महिलाएं बेटियां श्रम संगठन ने किसान संगठन ने सामाजिक संगठन ने बुद्धिजीवी वर्ग बढ़-चढ़कर सामने आ रहे हैं। आज बेरोजगार चौक पर हुए प्रदर्शन में नेताओं ने कहा कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।