जन्नत सा नज़ारा समेटे ये विदेशी धरती नहीं, राउरकेला टाउनशिप है, आई फूलों की बहार

This is not a foreign land with a view like heaven, it is Rourkela township, spring of flowers has arrived
रिंग रोड के पूरे हिस्से में करीब 1500 बोगनविलिया के पौधे लगाने और उनकी देखभाल का श्रेय विभाग को जाता है।
  • सुनहरे फूलों से ढकीं डालियों के बीच ट्रम्पेट वृक्षों की पत्तियाँ मानो छिप सी गयी हैं।
  • शहर का दृश्य बादलों से घिरे दिनों में भी चमकीले रंगों में नहाता हुआ सा प्रतीत होता है।

सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। होली के आगमन के साथ ही राउरकेला इस्पात नगरी  (Rourkela Stee City) रंगों की मनोरम दृश्य से जन्नत के सी बन गई है। पीले फूलों से लदी शाखाओं वाली ट्रम्पेट वृक्षों की सुनहरी आभा और रिंग रोड के बीचोंबीच फैली बोगनविलिया बेलों पर की लालीमा, इस औद्योगिक शहर को एक पुष्प नगरी में तब्दील कर दी है।

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सुनहरे फूलों से ढकीं डालियों के बीच ट्रम्पेट वृक्षों की पत्तियाँ मानो छिप सी गयी हैं, जिससे शहर का दृश्य बादलों से घिरे दिनों में भी चमकीले रंगों में नहाता हुआ सा प्रतीत होता है। इस बीच, गुलाबी, बैंगनी, नारंगी और सफेद रंगों वाली बोगनवेलिया की बेलें, बाड़ों, मेहराबों और सड़क के किनारे बने डिवाइडरों पर लहराती इठलाती हुई शहर के हर कोने में रंगों की बौछार कर रहीं हैं।

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शहरवासी और आगंतुक दोनों ही इस प्राकृतिक सौंदर्य से बेतहाशा मंत्रमुग्ध हो गए हैं। हर साल बसंत ऋतु में राउरकेला एक फूलों की जादुई छटा से मुस्का उठता है, जिससे प्रकृति प्रेमियों के लिए यह मौसम और भी रंगीन बन जाता है। आईजी पार्क और नेहरू पार्क रंगों की एक बहुरंगी छटा में सराबोर हो गए हैं। मौसमी फूलों से सजी ये हरी-भरी जगहें प्रकृति प्रेमियों और परिवारों के लिए एक ताज़गी भरी छुट्टी का अनुभव कराती हुई नजर आर रहीं हैं।

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यह बदलाव सेल, राउरकेला इस्पात शहर (आरएसपी) (SAIL – Rourkela Steel City) के बागवानी विभाग के अथक प्रयासों और देखभाल का नतीजा है। रिंग रोड के पूरे हिस्से में करीब 1500 बोगनविलिया के पौधे लगाने और उनकी देखभाल का श्रेय विभाग को जाता है। इसके अलावा इकाई  ने पूरे शहर में सैकड़ों ट्रम्पेट वृक्ष लगाए हैं, जो शहर की खूबसूरती में चार चाँद लगते हुए एक अनूठी पहचान देते हैं।

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वसंत के आगमन के साथ, राउरकेला एक बार फिर अपने लोगों को स्मरण दिलाता है यह केवल देश के लिए इस्पात ही नहीं बनाता, बल्कि प्रकृति प्रेम इसके राग राग में बसा है । इस पुष्पमयी सौंदर्य का श्रेय भारत के प्रमुख इस्पात निर्माता सेल को जाता है।

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