सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। आज पार्टी की दुर्ग जिला सांगठनिक समिति द्वारा कामरेड सीताराम की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई I 12 सितंबर 2024 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में फेफड़े के गंभीर संक्रमण से जूझने के बाद उनकी मृत्यु हो गई, वे 72 वर्ष के थे I
श्रद्धांजलि सभा में वामपंथी जनवादी पार्टियों एवं जन संगठन के साथी उपस्थित हुए I कामरेड सीताराम के तस्वीर पर माल्यार्पण के पश्चात सभी ने पुष्प अर्पित किया, तत्पश्चात शोक प्रस्ताव पेश कर दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई I उसके बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिन वादी लिबरेशन, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा कार्यकर्ता समिति, सीटू, एटक, एआईसीसीटीयू, लो ई मु, इंटक, सेवानिवृत कर्मचारी संघ, एससी एसटी एसोसिएशन, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, जनवादी महिला समिति, रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन, एमपीएमएसआरयू आदि संगठनों के साथियों ने अपनी बातों को रखकर कामरेड सीताराम को श्रद्धांजलि दी
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12वीं में ऑल इंडिया टॉपर थे 1970 में
12 अगस्त 1952 में जन्मे कामरेड सीताराम बचपन से ही एक प्रभावशाली छात्र थे, वे 1970 में 12वीं कक्षा में अखिल भारतीय टॉपर बने उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों डिग्री में प्रथम श्रेणी हासिल की थी I
वे 1974 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र आंदोलन में शामिल हुए और भारतीय छात्र संघ के नेता बने I वे 2 साल के अंतराल में तीन बार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए I वे 1984 से 1986 तक भारतीय छात्र संघ (SFI) के अखिल भारतीय अध्यक्ष रहे और उन्होंने छात्र संगठन को अखिल भारतीय शक्ति के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई I
प्रसिद्ध मार्क्सवादी विचारक थे कामरेड सीताराम
कॉमरेड सीताराम येचुरी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के शीर्ष नेता, वामपंथी आंदोलन के एक उत्कृष्ट नेता और प्रसिद्ध मार्क्सवादी विचारक थे I
कॉमरेड सीताराम येचुरी 1975 में सीपीआई (एम) में शामिल हुए, आपातकाल के दौरान उन्हें उनकी राजनीतिक गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया था l 1985 में 12वीं पार्टी कांग्रेस में उन्हें पार्टी की केंद्रीय समिति में चुना गया और वे अब तक केंद्रीय समिति में बने हुए हैं I 1989 में उन्हें केंद्रीय सचिव मंडल और 1992 में पार्टी की 14 वे पार्टी कांग्रेस में पोलित ब्यूरो में चुना गया l
उन्हें 2015 में 21वीं पार्टी कांग्रेस में सीपीआई (एम) के महासचिव के रूप में चुना गया था वह अब तक इस पद पर बने रहे I
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समाजवादी विचारों को नया आयाम दिए थे सीताराम
तीन दशकों से अधिक समय तक पार्टी केंद्र में नेतृत्व टीम के हिस्से के रूप में उन्होंने समय-समय पर पार्टी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई I विचारधारा के क्षेत्र में कामरेड सीताराम ने विशिष्ट भूमिका निभाई I पार्टी ने 14 वीं कांग्रेस में कुछ वैचारिक मुद्दों पर एक प्रस्ताव अपनाया जिसने समाजवाद को मिली असफलता के परिणाम स्वरुप पार्टी की वैचारिक स्थिति तैयार की यह प्रस्ताव कामरेड सीताराम द्वारा पार्टी कांग्रेस के समक्ष प्रस्तुत किया गया था l इसके बाद वह उस प्रस्ताव के मुख्य प्रस्तावक थे जिसने 2012 में पार्टी की पार्टी कांग्रेस में अपने गए वैचारिक पदों को आदतन किया I
पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादक रहे दो दशक तक
केंद्रीय समिति के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रमुख के रूप में उन्होंने कम्युनिस्ट और प्रगतिशील ताकतो के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों में भाग लिया और समाजवादी देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया और साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन के साथ एक झुकता बनाई
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कॉमरेड सीताराम 2 दशकों से अधिक समय तक पार्टी के साप्ताहिक पत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादक रहे I वह एक विपुल लेखक भी थे, वैचारिक क्षेत्र में उनका अन्य मुख्य योगदान उनकी “हिंदुत्व की आलोचना थी”, जो उनकी पुस्तको “व्हाट इस दिस हिंदू राष्ट्र” में प्रकाशित हुई थी और सांप्रदायिक बनाम धर्मनिरपेक्षता I
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सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए 2017 में
कॉमरेड सीताराम 2005 से 2017 तक दो बार राज्यसभा सदस्य रहे I उन्होंने सीपीआई (एम) समूह के नेता के रूप में कार्य किया और एक प्रभावी सांसद थे I उन्हें 2017 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया I
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हाल की अवधि में कॉमरेड सीताराम ने अपना बहुत सारा समय और ऊर्जा धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों की एक व्यापक एकता बनाने में लगाई, जिसने इंडिया ब्लॉक का आकार ले लिया I संयुक्त मोर्चा सरकार और बाद में यूपीए सरकार, दोनों के कार्यकाल में कामरेड सीताराम सीपीआई (एम) के प्रमुख वार्ताकारो में से एक थे, जो इन गठबंधनों का समर्थन कर रहे थे I
मिलनसार स्वभाव के धनी से येचुरी
अपने मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र और जीवन के सभी क्षेत्रों में उनके मित्रों की एक विस्तृत श्रृंखला थी I उनकी राजनीतिक ईमानदारी और प्रतिबद्धता के कारण सभी उनका सम्मान करते थे I
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हमारी राष्ट्रीय राजनीति के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर कॉमरेड सीताराम का असामयिक निधन सीपीआई (एम) के लिए एक बड़ा झटका है और वामपंथी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए एक गंभीर क्षति है I