केंद्रीय इस्पात मंत्री ने शशि शेखर मोहंती को नेशनल मेटलर्जिस्ट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से किया सम्मानित, SAIL BSP, BSL, एस्सार से नाता

Union Steel Minister honoured Shashi Shekhar Mohanty with National Metallurgist Lifetime Achievement Award, relation with SAIL BSP, BSL, Essar
शशि शेखर मोहंती ने अपने 45 वर्षों से अधिक के शानदार करियर मे इस्पात उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • सेल के पूर्व डायरेक्टर टेक्निकल, बोकारो इस्पात संयंत्र के पूर्व प्रबंध निदेशक तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व ईडी (वर्क्स) एवं ईडी(प्रोजेक्ट्स) के रूप में सेवा दे चुके।

सूचनाजी न्यूज़, भिलाई।हाल ही मे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेटल्स (आईआईएम) (Indian Institute of Metals द्वारा बेंगलुरु में आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह मे केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी, मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित हुए |

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इस अवसर पर उन्होंने इस्पात क्षेत्र के विकास मे योगदान देने वाले प्रख्यात व्यक्तित्वों को सम्मानित किया |
इस भव्य समारोह मे केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने इस्पात क्षेत्र के विकास में अतुलनीय योगदान देने हेतु सेल के पूर्व डायरेक्टर टेक्निकल, बोकारो इस्पात संयंत्र के पूर्व प्रबंध निदेशक तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व ईडी (वर्क्स) एवं ईडी(प्रोजेक्ट्स) के रूप में सेवा देने वाले तथा वर्तमान में एस्सार मिनमेट लिमिटेड के सीईओ और एमडी शशि शेखर मोहंती को नेशनल मेटलर्जिस्ट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।

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उल्लेखनीय है कि शशि शेखर मोहंती ने अपने 45 वर्षों से अधिक के शानदार करियर मे इस्पात उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके व्यापक अनुभव में खनन से लेकर इस्पात मिलों तक के $14 बिलियन से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का उत्कृष्ट प्रबंधन शामिल है। अपने पूरे करियर के दौरान, श्री मोहंती ने परिचालन में उल्लेखनीय सुधार, कार्यकुशलता में वृद्धि, तकनीकी उन्नयन और प्रक्रिया में सुधार किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस्पात उद्योग में 1 बिलियन डॉलर से अधिक की लागत बचत हुई है। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों और नेतृत्व ने उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

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अनुसंधान और विकास में भी श्री मोहंती का योगदान समान रूप से उल्लेखनीय है, उनके नाम पर दो पेटेंट और 50 तकनीकी पेपर अंकित हैं। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के धातु प्रभाग के अध्यक्ष और क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया, भुवनेश्वर चैप्टर के चेयरमेन जैसे प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित किया है। उन्होंने क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया, भिलाई चैप्टर की स्थापना की और भारत सरकार के तहत स्टील रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडिया (एसआरटीएमआई) के संस्थापक निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन भूमिकाओं में उनके नेतृत्व ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्पात उद्योग के भीतर नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया है।

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केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, ” भारत तेजी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है और इस बदलाव में इस्पात उद्योग की केंद्रीय भूमिका है। आपका समर्पण अगली पीढ़ी को जहाँ प्रेरित करेगा है वहीं भारत की औद्योगिक प्रगति को मजबूती प्रदान करेगा। ”

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