- न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए को बढ़ाकर 7500 रुपए करने की मांग।
- सोशल मीडिया पर पेंशनभोगी अपने मन की बात लिख रहे हैं।
- सरकार पर आरोप है कि लगातार पेंशनर्स की उपेक्षा की जा रही।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। केंद्र सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि (Central Government and Employees Provident Fund) से पेंशनभोगियों का सीधा और सटिक सवाल है। यह सवाल झकझोरने वाला है। उम्र के आखिरी पड़ाव में बैठे पेंशनभोगियों (Pensioners) की नाराजगी इतनी बढ़ चुकी है कि उनके सब्र का बांध टूट रहा है। मायूस मन से सरकार से सवाल कर रहे हैं कि क्या ईपीएस 95 पेंशनर्स (EPS 95 Pensioners) को 7500 पेंशन+डीए+मेडिकल सेवा मिलेगी मौत के बाद…?
निश्चित रूप से यह मन को विचलित करने वाला सवाल है। सुनने और लिखने में अच्छा नहीं लगता। लेकिन, देश के लाखों पेंशनर्स के मन की बात को छुपाना भी उचित नहीं है। इसलिए सूचनाजी.कॉम लगातार पेंशनर्स के मन की बात को लिखता आ रहा है।
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पेंशनभोगी संतोष स्वरूप के सवाल पर सुरेश पी सिंह ने जवाब में लिखा-
हाँ, बहुत सही। गरीब पेंशनधारियों के प्रति सरकार की कोई भावना नहीं है. उन्हें हमारी पेंशन को संशोधित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, ऐसा लगता है।
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दीपक कुमार शर्मा लिखते हैं कि हमें ये अच्छी तरह दे समझ लेना चाहिए सरकार कोई भी हो, सारा फंड मुफ्त अनाज, मुफ्त भाई बहनों को कैश देने के लिए, विधायकों को सांसदों को आजीवन पेंशन के काम आता है। हम लोग तो भले ही 75-76 के हो गए हैं। आज नहीं तो कल मर जाएंगे तो नेताओं के किस काम आएंगे, उनको तो अपने परिवार के 7 दिनों की व्यवस्था करना है। इसलिए बेचारे मजबूर हैं, नहीं तो जल्दी कर देते। ईपीएफओ अधिकारी-कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं।
ओम प्रकाश चौहान का कहना है कि चिंता मत कीजिए। मरने के बाद भी नहीं होगी। अंधे बंटी रेवड़ियां मुड़ मुड़ अपनों को दे…।
पूजन चक्रवर्ती ने चुनावी नतीजे पर इशारा करते हुए लिखा-कश्मीर ने सबक दिया है। अब बाकी राज्य भी उनका अनुसरण करें…।
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