– मानव जीवन में बताई गई गीता की महत्ता
– गीता जयंती पर गीता स्वाध्याय मंडल दुर्ग का आयोजन
सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। आज का परिवेश सुदर्शनचक्रधारी श्री कृष्ण की उपासना करने का है। श्री कृष्ण की नीति, श्री कृष्ण के कार्य कुशलता, युद्ध कौशल दुर्जनों का संहार कर श्री कृष्ण ने समाज को भय मुक्त किया। धर्म की स्थापना के लिए ही श्री कृष्ण धरती पर आए हैं… यह बातें विश्व हिंदू परिषद छत्तीसगढ़ के प्रांत कार्याध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा ने कही।
गीता जयंती के मौके पर गीता स्वाध्याय मंडल द्वारा दुर्ग के शनिचरी बाजार स्थित श्री लंगूरवीर मंदिर में ‘गीता से समाज उत्थान’ विषय पर व्याख्यान माला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें प्रमुख वक्ता के तौर पर विश्व हिन्दू परिषद छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा मौजूद रहे। वर्मा ने श्रीमद् भागवत गीता को मानव समाज के उत्कर्ष का मूल ग्रंथ बताया और कहा कि यह भगवान श्री कृष्ण की कही हुई दिव्य वाणी ही है। इसमें मानव जाति का कल्याण अवश्य होगा। हमें अपने दैनिक जीवन में गीता को उतारना आवश्यक है। प्रतिदिन गीता के एक अध्याय का पाठ व्यक्ति के जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन ला सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्म जागरण समन्वय छत्तीसगढ़ के प्रांत संयोजक पूर्णेन्द्र सिन्हा ने किया। अतिथि वक्ताओं में पंडित मनोज पाण्डेय, पंडित अशोक शास्त्री, यादव समाज के अध्यक्ष लखन यादव, क्षत्रिय राजपूत समाज के सचिव माधव सिंह ठाकुर, ताम्रकार समाज एवं श्री किल्ला मंदिर न्यास के अध्यक्ष सुदर्शन महलवार और अनुपमा सिन्नरकर उपस्थित रहे। मंच का संचालन आचार्य डॉ.नीलेश शर्मा ने किया।
इस व्याख्यान माला के दौरान विशेष रूप से प्रबुद्धजन और बड़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति रही। गीता स्वाध्याय मंडल के गणेश शंकर देशपांडे, पवन खेतान, दिनेश ताम्रकार, विजय अग्रवाल, देश दीपक सिंह, रोहिणी पाटणकर, डॉ.राहुल गुलाटी, दिलेश्वर उमरे, महेश नायडू, आशीष गोस्वामी, अनिल गुर्जर, राजीव चौबे, द्रोण ताम्रकार व अन्य उपस्थित रहे। इस मौके पर आभार प्रदर्शन श्री लंगूरवीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मानव सोनकर ने किया।