CIL NEWS: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड से बड़ी खबर, पीएम मोदी देंगे छत्तीसगढ़ को 600 करोड़ की सौगात

  • यह परियोजनाएं 600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की हैं और  तेज, पर्यावरण अनुकूल और कुशल मशीनीकृत कोयला निकासी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

सूचनाजी न्यूज, बिलासपुर। कोल इंडिया (Coal India) के साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (South Eastern Coalfields Limited) से बड़ी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। माल ढुलाई की सुविधा में विस्तार होने जा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें : Breaking News: वेज एग्रीमेंट को लेकर SAIL NJCS बैठक 11 मार्च को

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने तथा सतत विकास को बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप कल छत्तीसगढ़ में कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की तीन प्रमुख फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं का वर्चुअल रुप में उद्घाटन करेंगे।

यह परियोजनाएं 600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की हैं और  तेज, पर्यावरण अनुकूल और कुशल मशीनीकृत कोयला निकासी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

ये खबर भी पढ़ें :  पेंशनभोगी को लेकर ताजा अपडेट, दिल्ली में बड़ी बैठक

दीपका क्षेत्र में प्रोजेक्ट

एसईसीएल के दीपका क्षेत्र स्थित दीपका ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट 211 करोड़ रुपये से अधिक लागत की एक प्रमुख परियोजना है। वार्षिक 25 मीट्रिक टन की कोयला हैंडलिंग क्षमता के साथ इस परियोजना में 20,000 टन की ओवरग्राउंड बंकर क्षमता और 2.1 किमी लंबी कन्वेयर बेल्ट है, जो प्रति घंटे 4,500 – 8,500 टन कोयले की तेजी से लोडिंग की सुविधा प्रदान करती है।

ये खबर भी पढ़ें :  Bhilai Steel Plant: सेक्टर 9 हॉस्पिटल में जहां भरा रहता था कभी पानी, वहीं खड़ी होगी गाड़ी, चकाचक पार्किंग

इसके अतिरिक्त  यह परियोजना गड्ढे और रेल साइडिंग के बीच सड़क आधारित कोयले की आवाजाही को कम करके पर्यावरण अनुकूल परिवहन सुनिश्चित करेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगेगा। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि रेक लोडिंग का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा और परिचालन दक्षता भी बढ़ेगी।

ये खबर भी पढ़ें :  बोकारो स्टील प्लांट ने IMS पोर्टल किया लांच, पढ़िए फायदे, इन्हें मिला पुरस्कार

ओवरग्राउंड बंकर, कन्वेयर बेल्ट भी

एक अन्य महत्त्वपूर्ण परियोजना एसईसीएल के रायगढ़ क्षेत्र में छाल ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट है। इसे  173 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इसमें वार्षिक 6 मीट्रिक टन कोयला संभालने की क्षमता के साथ एक ओवरग्राउंड बंकर, 1.7 किमी तक फैला एक कन्वेयर बेल्ट और 3,000 टन क्षमता का साइलो शामिल है।

ये खबर भी पढ़ें :  राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट: NPS को लेकर बड़ी खबर, संशोधन Notified

बरौदद ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट

इसके अतिरिक्त, एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र में बरौद ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट है।  इसे वार्षिक रूप से 10 मीट्रिक टन कोयले की हैंडलिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह  216 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो गया है।

20,000 टन की ओवरग्राउंड बंकर क्षमता तथा 1.7 किमी कन्वेयर बेल्ट से लैस इस परियोजना में एक रैपिड लोडिंग सिस्टम है। यह प्रति घंटे 5000-7500 टन कोयला लोड करने में सक्षम है, लोडिंग प्रक्रिया को काफी सुव्यवस्थित बनाता है और परिचालन दक्षता में योगदान देता है।

ये खबर भी पढ़ें :Bokaro Steel Officers Association चुनाव 2024 में बच्चों का एडमिशन बना मुद्दा

मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी

पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के साथ संरेखित ये परियोजनाएं पूरे क्षेत्र में मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी प्रदान करने तथा कोयला अवसंरचना को बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करती हैं। ये परियोजनाएं स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करके और कुशल ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करके क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

ये खबर भी पढ़ें :BSP ठेका श्रमिकों के बच्चे पाएंगे उच्च शिक्षा के लिए 10 हजार तक, प्रोत्साहन मेरिट अवार्ड के लिए कीजिए आवेदन

यातायात की भीड़, सड़क दुर्घटनाओं और पर्यावरणीय प्रभाव कम

फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाएं पर्यावरणीय स्थिरता के सिद्धांतों को अपनाते हुए सड़कों के माध्यम से कोयला परिवहन पर निर्भरता को कम करती हैं और यातायात की भीड़, सड़क दुर्घटनाओं और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करती हैं।

ये खबर भी पढ़ें : SAIL ISP के अधिकारी-कर्मचारी ध्यान दें,  Sodexo Card पर आई बड़ी खबर