- मौजूदा चुनाव में 03 मुख्यमंत्री, गृहमंत्री ने की सभाएं।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। राजनांदगांव या नांदगांव। साहित्यकारों, रंगकर्मियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की नगरी। देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी की नर्सरी। अंग्रेजों से लड़ाई में यहां के वीर योद्धाओं का उल्लेखनीय योगदान। ऐसा योगदान की सेंट्रल प्रॉविन्स तक यहां के नेताओं का दखल रहा। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ शासन काल में भी राजनांदगांव मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री और कई हस्तियों का निर्वाचन क्षेत्र बना रहा।
यहीं से रहे डॉ.रमन सिंह
छत्तीसगढ़ गठन के बाद सबसे लंबे समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.रमन राजनांदगांव अंचल से ही निर्वाचित होते रहे। साल 2000 में मध्यप्रदेश (MP) से अलग होकर छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया।
वर्ष 2003 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में BJP सत्ता में आई। 2018 तक BJP का शासन रहा और अंचल के डॉ.रमन सिंह लगातार 15 वर्ष तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने रहे।
यहीं से रहे भूपेश के खास सिपहसालार
वर्ष 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई। तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाद प्रदेश के सबसे कद्दावर नेता और प्रभावशाली मंत्री मोहम्मद अकबर भी राजनांदगांव अंचल से निर्वाचित होते रहे। तब मुख्यमंत्री, गृहमंत्री सहित चार कैबिनेट मंत्रियों के निर्वाचित दुर्ग जिले का प्रभारी मंत्री भी मो.अकबर को ही बनाया गया था।
अब अंचल ने दिया Dy CM
वर्ष 2023 में BJP प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई। विष्णुदेव साय मुखिया बने और कवर्धा के MLA विजय शर्मा उप मुख्यमंत्री (Dy CM) के साथ ही गृह मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो के सर्वेसर्वा बने।
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चार CM-Dy CM का संबंध
जिला राजनांदगांवव 26 जनवरी 1973 को दुर्ग जिले से अलग होकर अस्तित्व में आया। राजनांदगांव से प्रदेश के दिग्गजों का शुरू से संबंध रहा। छत्तीसगढ़ बनने के बाद सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले डॉ.रमन सिंह बड़े दिग्गज को हराकर राष्ट्रीय स्तर पर छा गए। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश के पूर्व राज्यपाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता, गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे मोतीलाल वोरा भी राजनांदगांव से सांसद रह चुके है। देश के बड़े नेता मोतीलाल वोरा के चुनावी मैदान में होने के कारण राजनांदगांव तब भी सुर्खियों में था। अपना दूसरा लोकसभा चुनाव लड़ रहे मोतीलाल वोरा को जूनियर प्रतिद्वंद्वी डॉ.रमन सिंह ने हरा दिया था, तभी डॉ.रमन की राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बढ़ी और अटल सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री बनाए गए थे।
बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता को हराने के कारण अपेक्षाकृत जूनियर डॉ.रमन सिंह को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में स्थान देकर पुरस्कृत किया गया था। इसके बाद डॉ.रमन सिंह राजनांदगांव अंचल से ही MLA निर्वाचित होते रहे। साल 2023 में डॉ.रमन सिंह राजनांदगांव से ही विधायक चुने गए है। वह फिलहाल छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर है।
चार जिलों में फैला है लोकसभा क्षेत्र
छत्तीसगढ़ का VIPही नहीं अति VVIP लोकसभा सीट है राजनांदगांव। राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़-चौकी और कबीरधाम सहित कुल चार जिलों तक फैला हुआ है। राजनांदगांव लोकसभा से छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा बनती है।
फिलहाल Ex CM मैदान में
मौजूदा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी भूपेश बघेल बनाए गए है। भूपेश बघेल साल 2018 से 2023 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे है। इससे पहले वे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (CG PCC) भी रह चुके है।
संघ पृष्ठभूमि के है संतोष पाण्डेय
मौजूदा चुनाव भी काफी दिलचस्प है, क्योंकि एक तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी संतोष पाण्डेय क्षेत्र के वर्तमान सांसद है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS-संघ) के पसंदीदा चेहरे है। संतोष पाण्डेय संघ की पृष्ठभूमि से आते है। संतोष पाण्डेय की संघ से करीबीयत का अंदाया इस बात से लगाया जा सकता है कि राजनांदगांव से किसी सांसद को BJP दोबारा मौका नहीं देती, यहां मधुसूदन यादव से लेकर डॉ.रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह जैसे मौजूदा सांसदों की टिकट कर चुकी है लेकिन संतोष पाण्डेय को लगातार दूसरी बार मौका दिया गया है।
मौजूदा चुनाव में 03 CM पहुंचे
भाजपा प्रत्याशी संतोष पाण्डेय के लिए तीन मुख्यमंत्री, एक उप मुख्यमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री सभाएं कर माहौल बनाने का प्रयास कर चुके है। BJP के फायरब्रांड नेता और उत्तरप्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश (MP) के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री (Dy CM) विजय शर्मा, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज सभाएं कर चुके है।