- बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने चेयरमैन, इस्पात सचिव, निदेशक कार्मिक, स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited – SAIL) के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी मांग की गई है। आईवीएफ (In Vitro Fertilization- IVF) खर्च कंपनी को उठाने की मांग की गई है। यह आवाज बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) से उठी है।
बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने चेयरमैन, इस्पात सचिव, निदेशक कार्मिक, स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सेल कार्मिको को माता पिता बनने हेतु आईवीएफ (In Vitro Fertilization- IVF) टेक्नोलॉजी में हुए खर्च की भरपाई करने का मांग किया है। अपने पत्र में यूनियन ने लिखा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 22 नवंबर 2011 को केंद्र सरकार का कार्मिकों को आईवीएफ में हुए खर्च की राशि की अदायगी करने हेतु सर्कुलर जारी किया था।
इसके तहत सभी मंत्रालयों को भी निर्देश जारी किया गया था। सर्कुलर के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र (Public Area) के कई उपक्रमों ने भी अपने कार्मिकों को आईवीएफ तकनिक में हुए खर्च की अदायगी हेतु चिकित्सा नियमों मे संशोधन कर मंजूरी प्रदान किया।
इस्पात मंत्रालय (Steel Ministry) के अधीन दो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों केओआईसीएल तथा एनएमडीसी भी उसमे शामिल है। इसके साथ ही फूड कारपोरेशन इंडिया, ऑयल इंडिया लिमिटेड , पावर फाइनेंस लिमिटेड , एनएचपीसी लिमिटेड, नेशनल फर्टिलाईजर लिमिटेड ने भी अपने कार्मिकों को आईवीएफ तकनिक से मातृत्व/पितृत्व सुख हासिल करने की सुविधा दी है।
सेल मेडिकल नियम में संशोधन करने की मांग
यूनियन का कहना है कि सेल की इकाइयों मे संचालित किसी भी अस्पताल में आईवीएफ तकनिक की सुविधा नहीं है। अतः निजी क्षेत्र के योग्य अस्पतालों से समझौता कर या वहां हुए इलाज में खर्च को सेल प्रबंधन या उसकी इकाइयों द्वारा वहन करने के लिए सेल मेडिकल नियम में संशोधन करने की मांग यूनियन ने अपने पत्र में किया है।
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जानिए यूनियन के अध्यक्ष क्या बोल रहे…
बीएकेएस बोकारो के अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि कई पब्लिक सेक्टर कंपनियां अपने कार्मिकों को 2012 से ही आईवीएफ में हुए खर्च की अदायगी कर रही है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सर्कुलर भी जारी किया है। इस्पात मंत्रालय में एनएमडीसी और केआइओसीएल भी आईवीएफ की सुविधा अपने कार्मिकों को दे रही है। सेल प्रबंधन से इस सुविधा को शुरू करने की मांग यूनियन ने की है।
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