- बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने कहा-इस्पात मंत्री को लिखेंगे पत्र।
अज़मत अली, भिलाई। सेल कर्मचारियों (SAIL Employee) का पदनाम बदल दिया गया है। एस-9 से एस-11 के कर्मचारियों को जूनियर इंजीनियर पदनाम दिया जाएगा। जबकि इससे पहले के ग्रेड वाले कर्मचारियों को टेक्नीकल एसोसिएट, जूनियर एसोसिएट, आफिस एसोसिएट, जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट, असिस्टेंट, आफिस असिस्टेंट, इंजीनियरिंग एसोसिएट, सीनियर एसोसिएट सुप्रीटेंडेंट, सेक्शन एसोसिएट का पदनाम दिया जा रहा है।
खास बात यह है स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) की ओर से पदनाम का आदेश जारी होने के बाद बवाल मच गया है। एनजेसीएस यूनियनों ने भी आपत्ति दर्ज करा दी है। वहीं, एनजेसीएस विरोधी यूनियनों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। एनजेसीएस सदस्य व इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह का कहना है कि सेल प्रबंधन ने यूनियनों से बगैर चर्चा किए, सर्कुलर जारी कर दिया है। एक बार भी कोई बातचीत नहीं की गई है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) में एसोसिएट शब्द का विरोध किया जा चुका है। जूनियर इंजीनियर का पदनाम देने में क्या दिक्कत है। प्रबंधन को एक पैसा देना नहीं है, फिर पदनामा को लेकर क्यों उलझाया जा रहा है। तकलीफ वाली बात यह है कि डिप्लोमा इंजीनियर लगातार संघर्ष करते रहे, उन्हें ही जूनियर इंजीनियर का लाभ नहीं मिल रहा है। सीनियर और जूनियन में भेद नहीं होना चाहिए था।
दूसरी ओर बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSP Non-Executive Employees Union) के अध्यक्ष अमर सिंह का कहना है कि एनजेसीएस के सभी नेता प्रबंधन के शरणागत हो गए है। इंजीनियरिंग शब्द कोर्स का नाम है। न कि कहीं पदनाम। वहीं, कलस्टर डी में मुश्किल से 5 प्रतिशत भी कर्मचारी नहीं जा पाएंगे। जूनियर इंजीनियर पदनाम बाकि जगहों में नियुक्ति का समय ही दिया जाता है, सेल में सेवानिवृत्ति का समय दिया जाएगा। हम इसके विरोध मे इस्पात मंत्री को पत्र लिखेंगे।