इस्पात मंत्री के साथ बैठक में छाया रहा 39 महीने के एरियर्स का मुद्दा

सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। इस्पात मंत्री माननीय एच.डी. कुमार स्वामी (Union Steel Minister HD Kumaraswamy) के भिलाई आगमन पर भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में कार्यरत विभिन्न यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक इस्पात भवन के सभागार में रखी गई। उक्त बैठक में विभिन्न यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा कर्मियों से जुड़े विभिन्न ज्वलंत समस्याओं को उठाया गया, जिसमें सबसे अधिक 39 महीने के एरियर्स का मुद्दा छाया रहा।

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इस अवसर पर सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों के वेतन समझौता हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी दिशा निर्देश की प्रतिलिपि एवं डीपीई द्वारा 2019 में अफोर्डेबिलिटी एवं फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी क्लाज से छूट के बारे में जारी निर्देश की प्रतिलिपि मंत्री जी को सौंपा, जिसमें यह स्पष्ट रुप से लिखा हुआ है कि यदि सरकार के दिशा निर्देश से किसी भी तरह की छूट दी जानी है तो उसे केबिनेट की मंजूरी की आवश्यकता है। सीटू प्रतिनिधियों ने माननीय मंत्री जी से आग्रह किया कि अफोर्डेबिलिटी एवं फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी क्लाज से छूट हेतु पहल करें।

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भारत सरकार केबिनेट द्वारा अफोर्डेबिलिटी एवं फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी क्लाज को हटाये

सेल कर्मियों (SAIL Employee) का वेतन समझौता अभी तक सम्पन्न नहीं हुआ है जिसमें सबसे बड़ी बाधा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के लिए जारी अफोर्डेबिलिटी एवं फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी गाइडलाइन (Affordability and Financial Sustainability Guidelines) (22 नवंबर 2017 PIB) है जिससे सेल कर्मियों का एक जनवरी 2017 से 31 मार्च 2020 तक अर्थात 39 माह का एरियर्स भुगतान नहीं हुआ है। यह केवल वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि जनवरी 2017 से मार्च 2020 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के मेहनत का बकाया राशि है।

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माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़ारी उच्च वेतन पर पेंशन देने के निर्देशों को लागू करने में ईपीएफओ कर रहा देरी

माननीय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा कर्मचारियों के लिए उच्च वेतन (higher Salary) पर पेंशन देने के निर्णय के बाद ईपीएफओ (EPFO) ने प्रकिया शुरू किया था। इसके बाद वर्तमान में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा उच्च पेंशन हेतु ईपीएफओ द्वारा निर्धारित किए गए राशि को जमा भी कर दिए थे फिर ईपीएफओ (EPFO) ने जमा की गई राशि वापस कर दिया ।इस तरह सेल में कार्यरत कर्मचारियों और सेवा निवृत्त कर्मचारी ईपीएफओ (EPFO) द्वारा प्रकिया शुरू किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। ईपीएफओ द्वारा सेल में कार्यरत कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए उच्च पेंशन की प्रक्रिया शुरू करने में उत्पन्न हो रही अड़चनों को दूर किया जाए जिससे सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उच्च वेतन पर पेंशन मिल सके।

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आर आई एन एल का निजीकरण पर रोक लगाते हुए आर आई एन एल, नगरनार, फैरोस्क्रैप को सेल में मर्ज किया जाए

आर आई एन एल (RINL) एक उत्कृष्ट टेक्नोलॉजी वाला इस्पात संयंत्र है वहां के कर्मचारियों और उनके परिवार आर आई एन एल (RINL) के निजीकरण का 1300 दिनों से ज्यादा समय से लगातार विरोध कर रहे हैं। आर आई एन एल, नगरनार स्टील प्लांट और फैरो स्क्रैप को सेल में मर्ज करने की मांग की गई। इसके साथ ही आर आई एन एल के साथ केप्टिव माइंस दिये जाने पर जोर दिया गया ताकि वहां के उत्पादन लागत में कमी आ सके।

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भिलाई इस्पात संयंत्र के जे एल एन अनुसंधान एवं रिसर्च केंद्र को सेल एवं भारत सरकार का संयुक्त उपक्रम बनाया जाए

भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में कार्यरत कर्मियों एवं उनके आश्रितों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के संबंध में डाक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के चलते जे एल एन अनुसंधान एवं रिसर्च सेंटर केवल रेफरल सेंटर में बदल गया है। इस कमी को हल करने हेतु भारत सरकार और सेल के संयुक्त उपक्रम के तहत मेडिकल कालेज खोले जाने को कहा गया। जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र से सेवा निवृत्त एवं कार्यरत कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों को बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सा मिल सके।

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ठेका कर्मियों के शोषण पर रोक लगाई जाए

भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल में लगभग एक लाख कार्यरत ठेका कर्मचारियों का वेतन भुगतान एवं भत्तों को लेकर शोषण होता है उन्हें न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल पाता है। इसको लेकर इस्पात मंत्री जी से स्थाई कर्मचारियों की तरह ही ठेका कर्मियों को भी एक सिस्टम में लायें जाने का आग्रह किया, जिससे उनके वेतन भत्तों सहित सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि को संरक्षित किया जा सके।

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मेडिक्लेम की प्रीमियम राशि प्रति वर्ष बढ़ोतरी होने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है

भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष मेडिक्लेम हेतु प्रिमियम राशि बढ़ा दिया जाता है, जिससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ जाता है जिसके चलते अनेक सेवा निवृत्त कर्मचारी दुबारा मेडिक्लेम नहीं ले पाते हैं। मेडिक्लेम की प्रीमियम राशि नियंत्रित करने हेतु उचित समाधान निकाले जाने को कहा गया।

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सेल कर्मियों की ग्रैच्यूटी पर लगाई गई सीलिंग को हटाया जाए

सेल कर्मियों के ग्रैच्यूटी में स्टील मंत्रालय के एप्रुवल से लगाई गई सीलिंग के चलते सेवा निवृत्त कर्मचारियों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि सेल एकमात्र उपक्रम है जहां सीलिंग रहित ग्रैच्युटी का भुगतान किया जाता था।

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जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी
महासचिव एच.एस.ई.यू.(सीटू)भिलाई

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