- पेंशनभोगी ने कहा-पहले के सरकारी पेंशन फॉर्मूले से उधार लिया गया था फॉर्मूला।
- पेंशन योग्य वेतन को संपूर्ण पेंशन योग्य सेवा अवधि के लिए औसत पेंशन योग्य वेतन के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह वास्तविक वेतन है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। EPS 95 Minimum Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) और केंद्र सरकार पर एक के बाद एक तीर पेंशनभोगी चला रहे हैं। पेंशनर्स की मांग है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाए। पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने ईपीएस न्यूनतम पेंशन आदि पर कहा-यू-ट्यूब पोस्टिंग पर विश्वास न करें, जहां अतिरंजित उम्मीदें पेश की जाती हैं।
1.9.2014 से मुद्रास्फीति और वेतन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पेंशन योग्य वेतन में संशोधन की मांग। अंतिम संशोधन उसी तिथि से किया गया था। निम्नानुसार संशोधित पेंशन योग्य वेतन के आधार पर न्यूनतम पेंशन की मांग करें।
पेंशन योग्य वेतन ×10 वर्ष न्यूनतम पेंशन योग्य सेवा ÷70= पेंशन। उदाहरण 1) रु.21000*10/70=3000.00 रुपए होती है। उदाहरण 2. 25000*10/10=3571.00 अर्थात रु.3570 रुपए। हमें नवीनतम सरकारी पेंशन योजना के बराबर पेंशन योग्य वेतन में संशोधन की मांग करनी चाहिए, क्योंकि पेंशन फॉर्मूला पहले के सरकारी पेंशन फॉर्मूले से उधार लिया गया था।
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पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने कहा-संशोधित सूत्र इस प्रकार होगा:-
पेंशन योग्य वेतन*पेंशन योग्य सेवा÷25=पेंशन।
उन्होंने सुझाव दिया कि पेंशन योग्य वेतन को संपूर्ण पेंशन योग्य सेवा अवधि के लिए औसत पेंशन योग्य वेतन के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह वास्तविक वेतन है। जिसके आधार पर पेंशनभोगियों द्वारा योगदान दिया जाता है। और ईपीएस एक अंशदायी पेंशन योजना है। इससे पुराने पेंशनभोगियों के संबंध में न्यूनतम पेंशन को छोड़कर सभी पेंशन के लिए समान और आनुपातिक पेंशन सुनिश्चित होगी।
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