दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे: भिलाई का सौर ऊर्जा संयंत्र देशभर में कमा रहा नाम, दूसरे जोन का भी बन रहा सहारा

South East Central Railway: Bhilai's solar power plant is earning name across the country, becoming support for other zones too
विद्युत को 400 किलोवोल्ट्स तक बढ़ाकर इसे ट्रैक्शन में उपयोग के लिए पावर ग्रिड लाइन से जोड़ा गया है। अन्य ज़ोनल रेलवे में भी ऊर्जा खपत में इस्तेमाल।
  • 33 किलोवोल्ट्स विद्युत को 220 किलोवोल्ट्स में परिवर्तित कर पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड सब-स्टेशन (कुम्हारी, रायपुर) तक भेजा जाता है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (South East Central Railway) में भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है। इस सौर ऊर्जा संयंत्र का विद्युत उत्पादन क्षमता 50 मेगावाट है। इस संयंत्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 फरवरी 2024 को किया गया था।

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यह संयंत्र दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई के पास चरौदा में 122 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित किया गया है। संयंत्र में 1,49,464 सोलर मॉड्यूल (445/448/450/465/470wp (watt-peak) रेटिंग वाले), 13 इन्वर्टर (3.85 मेगावाट), और 15.4 मेगावाट एम्पियर व 3.85 मेगावाट एम्पियर रेटिंग वाले ट्रांसफॉर्मर शामिल हैं।

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यह संयंत्र 33 किलोवोल्ट्स तक विद्युत उत्पन्न करता है, जिसे 4.8 कि.मी. लंबी ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से पूलिंग सब-स्टेशन तक पहुंचाया जाता है । 33 किलोवोल्ट्स विद्युत को 220 किलोवोल्ट्स में परिवर्तित कर पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड सब-स्टेशन (कुम्हारी, रायपुर) तक भेजा जाता है।

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यहां से इस विद्युत को 400 किलोवोल्ट्स तक बढ़ाकर इसे ट्रैक्शन में उपयोग के लिए पावर ग्रिड लाइन से जोड़ा गया है, जिसे अन्य ज़ोनल रेलवे में भी ऊर्जा खपत में इस्तेमाल किया जाता है।

इस 50 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र से प्रतिमाह 72 लाख यूनिट विद्युत उत्पन्न हो रही है। इसके माध्यम से हर महीने 5936 टन कार्बन के उत्सर्जन में कमी आई है ।

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संयंत्र के 122 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले होने के कारण इसकी सफाई और रखरखाव के लिए सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच का समय निर्धारित किया गया है। संयंत्र में स्वचालित सफाई प्रणाली विकसित की गई है, जिससे कम समय और न्यूनतम मानव संसाधन के साथ रखरखाव कार्य किया जाता है।

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यह सौर ऊर्जा संयंत्र न केवल रेलवे की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की यह पहल अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक मिसाल है।

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