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SAIL NEWS: कर्मचारियों से LTC, LTA रिकवरी केस पहुंचा न्यायालय, अब ट्रिब्यूनल में लड़ाई

SAIL NEWS: कर्मचारियों से LTC, LTA रिकवरी केस पहुंचा न्यायालय, अब ट्रिब्यूनल में लड़ाई
  • इस संबंध में कई बैठकें हो चुकी है। दोनों पक्ष अपनी अपनी मांग पर अडिग है।

  • एफओसी किया जाना उचित होगा। इस पर दोनों पक्षों में सहमति प्रदान की।

  • अब यह मामला सेंट्रल लेबर कमिश्नर के माध्यम से अंडर सेक्रेटरी (श्रम मंत्रालय) द्वारा सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल कम लेबर कोर्ट जबलपुर में भेजा जाएगा।

सूचनजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के LTC, LTA रिकवरी मामला तूल पकड़ चुका है। कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है। प्रबंधन को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।

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भिलाई श्रमिक सभा-एचएमएस यूनियन द्वारा असिस्टेंट लेबर कमिश्नर (केंद्रीय) रायपुर के समक्ष लगाए गए परिवाद RP9(84)/2023 में यूनियन ने एलटीसी एवं एलटीए के मद में कर्मचारियों ने सब ब्लॉक ईयर 2021-2023 के लिए जो राशि आहरित की थी, प्रबंधन ने नवंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच इस राशि की पूरी रिकवरी कर ली थी।

परिवाद में यूनियन ने इस कटौती को गलत ठहराया। यूनियन का पक्ष था कि सब ब्लॉक ईयर 2019- 2021 को यदि मान्य कर भी लिया जाए तो अप्रैल 2021 से 17 नवंबर 2021 के बीच का एलटीसी एवं एलटीए का नगदीकरण का पैसा कैसे रिकवर कर लिया गया।

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यह गैर कानूनी है, क्योंकि सब ब्लॉक ईयर समाप्त होने के दो माह पूर्व ही रिकवरी की गई है। इसकी जानकारी पूर्व में कर्मचारियों को नहीं दी गई, जो आईडी एक्ट की धारा 9A का उल्लंघन है।

प्रबंधन ने जवाब में तर्क दिया कि जब 18 नवंबर 2021 से वेरिएबल पर्क लागू हो गया, तब कर्मचारियों को एलटीसी/एलटीए लेकर यात्रा करनी थी। टिकट दिखाकर इनकम टैक्स में छूट प्राप्त करनी थी, हमें कॉरपोरेट ऑफिस से रिकवरी करने का आदेश मिला है। यूनियन ने तर्क दिया कि यदि किसी प्रकार की रिकवरी करनी थी तो उसके पूर्व यूनियन से चर्चा करनी थी।

एचएमएस यूनियन ने 3 तर्क प्रस्तुत किया

1- जब सब ब्लॉक किया समाप्त होने के दो माह पूर्व रिकवरी की जानकारी दी जाएगी तो कर्मचारी 2 माह के बीच में एलटीसी/एलटीए कैसे ले सकेंगे, जबकि पर्क का बास्केट भी अगस्त 2022 में लाया गया। उस समय भी रिकवरी की जानकारी नहीं दी गई जो तर्कसंगत नहीं है।

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2- यूनियन ने कहा कि हमें एलटीसी/एलटीए का नगदीकरण मिलता रहा है, जो हमारे फिक्स पर्क का हिस्सा है। एक तो रिकवरी करना गलत है। दूसरा यदि रिकवरी की भी गई तो कर्मचारियों का 1 अप्रैल 2021 से 17 नवंबर 2021 तक का फिक्स पर्क का भाग क्यों रिकवरी किया गया।

जिन कर्मचारियों ने एलटीसी-एलटीए नगदीकरण नहीं किया। उन्हें भी 1 अप्रैल 2021 से 17 नवंबर 2021 तक का एलटीसी-एलटीए नगदीकरण का हिस्सा दिया जाना था।

3- जिन कर्मचारियों ने एलटीसी-एलटीए नगदीकरण कराया था, उन कर्मचारियों ने तीन दिन की छुट्टी ली थी। उन्हें उनकी छुट्टी वापस करनी थी। लेकिन प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया।

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जबलपुर ट्रिब्यूनल में केस पहुंचा

महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात कॉन्सिलेशन ऑफिसर सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय) रायपुर ने कहा-इस संबंध में कई बैठकें हो चुकी है। दोनों पक्ष अपनी अपनी मांग पर अडिग है। अतः एफओसी किया जाना उचित होगा। इस पर दोनों पक्षों में सहमति प्रदान की।

अब यह मामला सेंट्रल लेबर कमिश्नर के माध्यम से अंडर सेक्रेटरी (श्रम मंत्रालय) द्वारा सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल कम लेबर कोर्ट जबलपुर में भेजा जाएगा। आगे की सुनवाई न्यायालय में होगी।

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प्रबंधन और यूनियन से ये रहे मौजूद

परिवाद की सुनवाई के समय यूनियन की ओर से यूनियन के अध्यक्ष हरीराम यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदित्य माथुर, महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र तथा प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक नियमन अनुराधा सिंह एवं सहायक महाप्रबंधक तुषार राय चौधरी उपस्थित थे।

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