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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पांच जुलाई 2024 को यादव की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें पांडे की याचिका पर सवाल उठाया गया था।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़ा खेल होता दिख रहा है। सतनामी समाज को साधते हुए कांग्रेस को एक और मोहरा मिल गया है। विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से एक के बाद एक राहत मिल गई है। पहले बालौदाबाजार केस में गुरुवार को जमानत मिली।
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अब शुक्रवार को निर्वाचन को ही चैलेंज करने वाली की याचिका की कार्रवाई पर रोक लगा दिया है। इससे विधायक देवेंद्र यादव को बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के निर्वाचन के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडे को नोटिस जारी किया, जिन्होंने राज्य के भिलाई नगर निर्वाचन क्षेत्र से यादव के निर्वाचन को चुनौती दी है।
देवेंद्र यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत आवेदन को खारिज करने में गलती की है, जिससे पांडे की चुनाव याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठता है।
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भाजपा नेता ने इस आधार पर चुनाव को चुनौती दी थी कि यादव ने अपना नामांकन दाखिल करते समय सही तथ्यों की जानकारी नहीं दी थी और कुछ बिंदुओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के विपरीत थे और चुनाव के परिणाम को प्रभावित किया।
प्रेम प्रकाश पांडे ने आरोप लगाया कि यह एक भ्रष्ट आचरण है और याचिकाकर्ता के नामांकन पत्र को गलत तरीके से स्वीकार किया गया। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पांच जुलाई 2024 को यादव की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें पांडे की याचिका पर सवाल उठाया गया था।
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