भिलाई इस्पात संयंत्र: एआई-एमएल आधारित पावर सिस्टम सुरक्षा जुटे 60 से अधिक इंजीनियर्स

Bhilai Steel Plant: More than 60 engineers engaged in AI-ML based power system security
नॉलेज शेयरिंग पहलों और तकनीकी सत्र के माध्यम से सीखने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न आयोजन बीएसपी में होता है।
  • पावर सिस्टम की सुरक्षा के लिए, इंजीनियर और प्रोफेशनल्स आधुनिक समाधानों को अपनाने में स्वयं को आगे रहने की राह सुनिश्चित करते हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) (Bhilai Steel Plant) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) रायपुर के सहयोग से एचआरडी-बिल्डिंग, बीटीआई, बीएसपी में “पावर सिस्टम सुरक्षा के लिए डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग” पर एक उद्योग-अकादमिक कार्यक्रम का आयोजन किया।

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इस सत्र का उद्देश्य पावर सिस्टम सुरक्षा में ए.आई./एम.एल. एल्गोरिदम के अनुप्रयोग के बारे में गहन जानकारी प्रदान करना था, जिसमें पारंपरिक तरीकों की तुलना में इनके लाभ और डिजिटल प्लेटफार्मों पर वास्तविक समय में इनका कार्यान्वयन करने में आने वाली चुनौतियों को उजागर किया गया।

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पावर सिस्टम की विश्वसनीयता के बढ़ते महत्व को देखते हुए, इस सत्र में डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग की भूमिका को रेखांकित किया गया, जो फॉल्ट डिटेक्शन और सिस्टम सुरक्षा को बेहतर बनाने में सहायक हैं।

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कार्यक्रम में बीएसपी के पावर सिस्टम इंजीनियर, प्रोटेक्शन इंजीनियर, ऑटोमेशन इंजीनियर और पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन (पीबीएस), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल), एनटीपीसी-सेल पावर कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल), छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल) दुर्ग और छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीटीसीएल) के प्रतिनिधियों सहित 60 से अधिक इंजीनियरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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इस दौरान एनआईटी रायपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर श्री सुभोजित घोष ने व्याख्यान दिया। उन्होंने क्लासिकल फॉल्ट प्रोटेक्शन विधियों की सीमाओं और एआई/एमएल तकनीकों से अधिक सटीकता और दक्षता प्राप्त करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। प्रोफेसर घोष ने केस स्टडी, कार्यान्वयन चुनौतियों और रियल टाइम एप्लीकेशन पर चर्चा की, जिससे प्रतिभागियों को यह समझने में मदद मिली कि मशीन लर्निंग मॉडल, सटीक निर्णय लेने के लिए पोस्ट-फॉल्ट करंट और वोल्टेज तरंगों का विश्लेषण कैसे कर सकते हैं।

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इस कार्यक्रम में भिलाई स्टील प्लांट के वरिष्ठ प्रबंधन ने अपना दृष्टिकोण साझा किया, जिन्होंने औद्योगिक विद्युत् प्रणालियों में एआई/एमएल तकनीकों को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। मुख्य महाप्रबंधक (एएंडडी) रविशंकर ने कहा कि “हमारे कार्यबल को नवीनतम तकनीकी प्रगति के साथ अद्यतन रखने के लिए शिक्षाविदों और उद्योग के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है। व्यावहारिक अनुप्रयोगों में शोध-संचालित पद्धतियों को एकीकृत करके, हम अपनी पावर सिस्टम की निरंतर विश्वसनीयता सुनिश्चित कर सकते हैं।”

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मुख्य महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल) टी.के. कृष्णकुमार ने कहा, “पावर सुरक्षा में ए.आई. और एम.एल. के एकीकरण से दक्षता, विश्वसनीयता और सटीकता में वृद्धि होगी। एआई/एमएल-आधारित तकनीक बुद्धिमत्ता पूर्ण निर्णय लेने, डाउनटाइम को कम करने और निर्बाध बिजली वितरण सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती है।”

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अपने सक्रिय प्रयासों से शिक्षाविदों और उद्योग प्रोफेशनल्स के बीच सहज बातचीत को सुगम बनाते हुए, महाप्रबंधक (एएंडडी) कामिनी गुप्ता और महाप्रबंधक (एएंडडी) सुभाष राठौर ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में अपना समन्वयन प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक (एएंडडी) एमएस राणा द्वारा किया गया।

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इस सत्र के माध्यम से पावर सिस्टम की सुरक्षा के लिए, इंजीनियर और प्रोफेशनल्स आधुनिक समाधानों को अपनाने में स्वयं को आगे रहने की राह सुनिश्चित करते हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र इस तरह की नॉलेज शेयरिंग पहलों और तकनीकी सत्र के माध्यम से सीखने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न आयोजन करता रहता है।

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