Food Corporation of India के कर्मचारी और अधिकारी Post Retirement Medical Scheme को लेकर बेचैन

Employees and officers of Food Corporation of India are worried about Post Retirement Medical Scheme
सेवानिवृत्तों की ही रकम इस मद में निगम के खाते में जमा होती है। निगम का कोई अंशदान नहीं होता, बावजूद निगम का नियंत्रण होता है।
  • ओपीडी में बढ़ाई गई रकम 32000 का लाभ सेवानिवृत्त कार्मिकों को भी मिले।
  • इस मामले में उचित प्रावधान बनाने की मांग खाद्य निगम से की जा रही है।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। Food Corporation of India के कर्मचारी और अधिकारी Post Retirement Medical Scheme को लेकर अक्सर सवाल उठाते हैं। ईपीएस 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति रायपुर (EPS 95 Pension National Struggle Committee Raipur) के अध्यक्ष अनिल कुमार नामदेव का कहना है कि सेवानिवृत्तों में शायद ही इतने लोग हो जो ओपीडी का लाभ उठा पाते हों।

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जो सेवनिवृत्तों के लिए प्रावधान बनाए गए हैं, उसमे केवल उन गिने रोगों के लिए लागूं है, जो दीर्घकालीन माने गए हैं। 10days की अवधि वाली अन्य छोटी चिकित्सा के लिए भी ट्रीटमेंट पर काफी राशि खर्च होता है, पर ऐसे दावों को सर्कुलर का हवाला देकर निरस्त कर दिया जाता है। यह न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता।

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सेवानिवृत्तों की ही रकम इस मद में निगम के खाते में जमा होती है। निगम का कोई अंशदान नहीं होता, फिर भी निगम सेवनिवृत्तों की चिकित्सा खर्चों का नियंत्रण और निर्णय का अधिकार अपने पास रखती है। यह भी तर्कसंगत नहीं लगता।
इसकी एक ट्रस्ट बोर्ड की तरह व्यवस्ता होनी चाहिए। वैसे देखा जाए तो निगम में कार्यरत कर्मियों की तरह ही सेवनिवृत्तों को भी वो सुविधा दी जानि चाहिए, जो बिना चिकित्सा दस्तावेज प्रस्तुत किये ही मीडिकल व्यय की एक निर्धारित राशि नियमित रूप से प्रदान की जाती है।

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ओपीडी में बढ़ाई गई रकम 32000 का क्या लाभ जब सेवानिवृत्त बंधुओं को इस मद में कुछ भी न मिल सके। हमें इस मामले में उचित प्रावधान बनाने की मांग खाद्य निगम से करना चाहिए।

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