- ईपीएस 95 उच्च पेंशन के 11 लाख मामलों को ईपीएफओ द्वारा रद्द किया गया है, जिसे पुनः परीक्षण करने की मांग।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) के खिलाफ देशभर के पेंशनभोगी दिल्ली में जुटे। 4-5 अगस्त को जंतर-मंतर पर विरोधी प्रदर्शन किया गया। अब बुधवार को सांसदों ने सदन के बाहर पेंशनभोगियों के समर्थन में नारेबाजी की। हाथों में तख्तियां लेकर मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई।
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ज्ञातव्य हो कि चार मुख्य मांगों को लेकर पूरे देश में कई वर्षों से आंदोलन चल रहा है। इसी कड़ी में, 4 और 5 अगस्त 2025 को जंतर मंतर नई दिल्ली में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंग के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन का आयोजन हुआ। इस प्रदर्शन में पूरे देश के विभिन्न राज्यों से हजारों वृद्ध पेंशनर्स ने भाग लिया।
राष्ट्रीय संघर्ष समिति छत्तीसगढ़ अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग, आर्थिक अभाव और गिरते स्वस्थ के बावजूद दिल्ली पहुंचे। दो दिन तक लगातार आकाशीय नारों के साथ, भूखे प्यासे वृद्धों ने सरकार से गुहार लगाई कि उनके न्यूनतम पेंशन को कम से कम साढ़े सात हजार रुपए महीना+डीए किया जाए। उच्च पेंशन के 11 लाख मामलों को अस्वभाविक ढंग से ईपीएफओ द्वारा रद्द किया गया है, जिसे पुनः परीक्षण करें, आश्रित पेंशन को सौ प्रतिशत करें, पेंशनर्स को चिकित्सीय निःशुल्क सुविधा प्रदान करें इत्यादि।
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एलएम सिद्दीकी का कहना है कि पेंशनर्स की करुण पुकार सुनकर लगभग 25 सांसद दूसरे दिन, सांयकाल जंतर मंतर धरना स्थल पर पहुंचे और अपने खुला समर्थन दिया। बात यहीं खत्म नहीं होती, सांसदों ने आश्वासन दिया कि वे अगले दिन 6 अगस्त को पार्लियामेंट की सीढ़ियों यानि प्रवेश द्वार में बैठकर, पेंशनर्स के समर्थन में नारे लगाएंगे, आवाज उठाएंगे ताकि प्रधान मंत्री इस पर आवश्यक कार्रवाई करें।
सांसदों ने अपने आश्वासन को सही साबित किया और आज वे पार्लियामेंट के प्रवेश द्वार पर बैठे। पेंशनर्स के समर्थन में आवाज बुलंद करते रहे। उनके इस विशाल समर्थन से पेंशनर्स का हौसला बढ़ गया है और यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो, विशाल आंदोलन होगा।
छत्तीसगढ़ के राज्य अध्यक्ष एल एम सिद्दीकी के अतिरिक्त वरिष्ठ साथियों में जीपी बेलचंदन, एसएस ठाकुर, एके सिंह, राजेंद्र पिल्लै, घोष, Horilal ठाकुर, राजनांदगांव से एजाज़ुर रहमान, देशमुख, दीपक इत्यादि दिल्ली के आंदोलन में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ राज्य के अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी, एस ठाकुर, एके सिंह और राजेंद्र पिल्लै 3 अगस्त सांयकाल को सांसद विजय बघेल से मिले और उनका समर्थ मांगा था।