- यूनियन ने बात रखी है कि स्थाई कर्मचारियों के साथ-साथ कोल इंडिया में कार्यरत माइनिंग और नॉन माइनिंग दोनों प्रकार के ठेका कर्मियों को बोनस देना होगा।
सूचनाजी न्यूज, कोलकाता। कोल इंडिया के कर्मचारियों का बोनस तय करने के लिए मीटिंग तो हुई, लेकिन विवाद शुरू हो गया। मीटिंग को लेकर अजीब हालात बन गए हैं। दो बार मीटिंग को बायकॉट किया जा चुका है। तीसरी बार मीटिंग शुरू करने के लिए प्रबंधन यूनियन नेताओं पर दबाव डाल रहा है।
सीआइएल प्रबंधन 98 हजार 500 रुपए से अधिक देने को तैयार नहीं हो रही है। इससे आक्रोशित यूनियन नेताओं ने मीटिंग बायकॉट कर दिया था। करीब आधे घंटे तक सभी नेता मीटिंग हॉल से बाहर आकर बैठ गए थे। उच्चाधिकारियों ने मान-मनौव्वल की। किसी तरह राजी करके दोबारा मीटिंग शुरू कराई गई है। रात 10.50 बजे बोनस मीटिंग शुरू हो गई थी। लेकिन, सवा 11 बजे तक कोई समझौता नहीं हो सका। इसके बाद सभी नेता दोबारा मीटिंग छोड़कर बाहर निकल आए। रात साढ़े 11 बजे तक मनाने की कोशिश होती रही।
बता दें कि सभी यूनियन नेता बैठक से उठकर बाहर आ गए हैं। प्रबंधन को दो टूक बोल दिया गया था कि अगर, प्रबंधन राशि बढ़ाने को तैयार नहीं होगी तो बैठक भी नहीं होगी। यूनियन नेताओं ने आखिर में 1 लाख 30 हजार रुपए का प्रस्ताव दिया था। प्रबंधन 98 हजार 500 रुपए पर ही रुका था। इसलिए यूनियन का कहना है कि कोल इंडिया कुछ राशि बढ़ाए तो यूनियन भी राशि कम कर सकती है।
बता दें कि इंटक को लेकर हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा था। कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को दोबारा कोलकाता में मीटिंग हुई। इंटक, एचएमएस, सीटू, बीएमएस, एटक के प्रतिनिधि शामिल हुए। सीआइएल के उचचाधिकारी भी शामिल हु और काफी देर तक मंथन के बाद बोनस की राशि तय की गई। कर्मचारियों को साल 2024 में 93 हजार 750 रुपए बोनस मिला था। इस बार राशि बढ़ाकर देने की मांग हो रही है।
माइनिंग और नॉन माइनिंग ठेका मजदूरों की भी उठी आवाज
कोल इंडिया के कर्मचारियों का बोनस तय करने से पहले कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों ने ठेका मजदूरों की आवाज भी उठाई। प्रबंधन और यूनियन के बीच बैठक काफी गहमा-गहमी वाली रही। बैठक की शुरुआत में ही यूनियन ने बात रखी है कि स्थाई कर्मचारियों के साथ-साथ कोल इंडिया में कार्यरत माइनिंग और नॉन माइनिंग दोनों प्रकार के ठेका कर्मियों को बोनस देना होगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर दोबारा हुई बोनस मीटिंग
Coal Bonus को तय करने के लिए दिल्ली में प्रबंधन ने मीटिंग बुलाई थी। लेकिन इंटक विवाद के चलते हाईकोर्ट ने मीटिंग पर रोक लगा दिया था। अगली सुनवाई में हाईकोर्ट ने इंटक को शामिल करने का आदेश दिया। इसके बाद दोबारा मीटिंग कोलकाता में की गई।
कोलकाता उच्च न्यायालय के डबल बेंच ने मानकीकरण समिति की बैठक में राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को शामिल कर बोनस की मीटिंग बुलाने का आदेश दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद अब फेडरेशन बोनस की बैठक में शामिल हुई। राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन से विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, फेडरेशन के महासचिव एसक्यू जमा शामिल हुए।
जानिए मीटिंग में किस यूनियन से कौन पहुंचा
शिव कांत पांडे, एचएमएस
शिव कुमार यादव, एचएमएस
एसक्यू जमा: इंटक
कुमार जयमंगल-इंटक
सुधीर एच. घुर्डे, बीएमएस
सुजीत सिंह, बीएमएस
रामेंद्र कुमार, एटक
डीडी रामानंदन, सीटू
टीएस. पवन कुमार, बीएमएस-वैकल्पिक सदस्य
रियाज़ अहमद, एचएमएस-वैकल्पिक सदस्य
हरिद्वार सिंह, एटक-वैकल्पिक सदस्य
आरपी सिंह, सीटू- वैकल्पिक सदस्य
कोल इंडिया प्रबंधन से ये पहुंचे
उदय ए काओले, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, एमसीएल
विनय रंजन, निदेशक (मानव संसाधन), सीआईएल
केशव राव, निदेशक (मानव संसाधन), एमसीएल
हर्ष नाथ मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन), सीसीएल
शंकर नागाचारी, निदेशक (टी/सीआरडी), सीएमपीडीआईएल
मनीष कुमार, निदेशक (मानव संसाधन), एनसीएल
मुरलीकृष्ण रमैया, निदेशक (एचआर), बीसीसीएल
बिरंची दास, निदेशक (मानव संसाधन), एसईसीएल
गुंजन कुमार सिन्हा, निदेशक (एचआर), ईसीएल
हेमन्त शरद पांडे, निदेशक (मानव संसाधन), डब्ल्यूसीएल
गौतम पोटरू, आईएएस, निदेशक (पीए&डब्ल्यू), एससीसीएल