गोदावरी स्टील प्लांट हादसे की हो उच्च स्तरीय जांच, डेढ़ करोड़ दें मुआवजा, CITU ने सरकार को लपेटा

Demand for a High-Level Inquiry into the Godavari Factory Accident and Compensation of Rs 1 Crore
  • कर्मचारी यूनियन सीटू ने कहा-औद्योगिक सुरक्षा में लापरवाही ले रही श्रमिकों की जान।
  • राज्य सरकार पर श्रम कानून के अमल के मामले में भी मलिकपरस्ती का आरोप।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ के गोदावरी स्टील प्लांट हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। सीटू ने गोदावरी इस्पात फैक्ट्री दुर्घटना में मारे गए श्रमिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की और उसमें सभी केंद्रीय श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने की मांग किया है। मृत श्रमिकों के परिवार को डेढ़ करोड़ रुपए का मुआवजा राशि, उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी और उनके बच्चों के शिक्षा का दायित्य प्रबंधन पर दिए जाने की मांग की।

सीटू की छत्तीसगढ़ राज्य समिति ने इस पूरे मामले में राज्य के श्रम विभाग और औद्योगिक सुरक्षा विभाग के साथ ही फैक्ट्री प्रबंधन को दोषी करार देते हुए कहा कि इसके पहले भी हुए हादसों को पर सरकार की नाकामियों के कारण उचित सुरक्षा के अभाव में तकनीकी कार्यों के लिए भी कम पैसे में ठेका मजदूरों की नियुक्ति और अधिकाधिक मुनाफे की अंधी होड़ में मजदूरों को जान गंवानी पड़ रही है।

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सीटू ने कहा कि इसके पहले भी गोदावरी इस्पात सहित सिलतरा हो या सीमेंट फैक्ट्री हादसे या अभनपुर के नवभारत एक्सप्लोसिव की दुर्घटना इन पर हुई जांच रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई, न ही इसके अधार पर क्या सुधार और सुरक्षा के कदम उठाए गए यह बताए गए, न ही ऐसे हादसों के दोषी मालिक दंडित किए गए।

और न ही सुरक्षा उपाय के लिए जिम्मेदार औद्योगिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी की जवाबदेही तय की गई और न राज्य सरकार की ओर से कोई सार्थक कदम उठाए गए। सरकार केवल दुर्घटना घटने के बाद शोक व्यक्त करते हुए अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ लेती है।

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राज्य सरकार पर श्रम कानून के अमल के मामले में भी मलिकपरस्ती का आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा कि सरकार वास्तव में मजदूरों की जान की कीमत की परवाह किए बिना मालिकों को संरक्षण प्रदान करने का काम कर रही है।

छत्तीसगढ़ सीटू अध्यक्ष एसएन बैनर्जी और सचिव धर्मराज महापात्र ने सभी उद्योगों में श्रमिकों के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की मांग करते हुए ऐसी दुर्घटना के लिए केवल एफआईआर नहीं निश्चित समयावधि में दोषी प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा का शीघ्र निपटारा कर सजा के लिए भी ठोस नीति की मांग की।

सीटू ने गोदावरी इस्पात के श्रमिकों के आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हुए इन मांगो के पूर्ण न होने पर पूरे प्रदेश में आंदोलन का विस्तार करने की चेतावनी दी।

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