- मशीन-2 में लंबे समय से गैस सप्लाई के दौरान फ्रीक्वेंट चोकिंग, अनियमित गैस फ्लो, तथा लो प्रेशर जैसी समस्याएँ देखी जा रही थीं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सिंटरिंग प्लांट-3 क्षेत्र में मशीन-2 के लिए 600 मिमी व्यास की नई वैकल्पिक सीओ गैस लाइन का सफलतापूर्वक उद्घाटन शनिवार को कार्यपालक निदेशक (संकार्य) राकेश कुमार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सीजीएम इंचार्ज (Iron Zone) तापस दास गुप्ता, सीजीएम (एम एंड यू) बीके. बेहेरा, सीजीएम (मैकेनिकल) पीके सिंह, तथा सीजीएम (ओएचपी एवं एसपी-3) सजीव वर्गीज़ उपस्थित रहे।
मशीन-2 में लंबे समय से गैस सप्लाई के दौरान फ्रीक्वेंट चोकिंग, अनियमित गैस फ्लो, तथा लो प्रेशर जैसी समस्याएँ देखी जा रही थीं। इन समस्याओं के स्थायी समाधान हेतु 600 मिमी व्यास की यह नई सीओ गैस लाइन अत्यंत आवश्यक थी। नई लाइन लगभग 250 मीटर लंबी है और इसने पुरानी 300 मिमी गैस लाइन को प्रतिस्थापित किया है, जिसे भविष्य के लिए *स्पेयर सीओ गैस लाइन के रूप में संरक्षित किया गया है।
इस महत्वपूर्ण कार्य को विभिन्न विभागों EDD, Energy Management, CED, PLEM, Survey, Instrumentation तथा SP-3 कलेक्टिव्स के संयुक्त प्रयासों से सफलतापूर्वक पूरा किया गया। सभी विभागों की समन्वित टीमवर्क ने कार्य को सुरक्षित, समयबद्ध और गुणवत्ता के साथ निष्पादित किया।
एसपी-3 में इस कार्य को जीएम आईवी रमना, जीएम एके बेडेकर, जीएम आरडी. शर्मा, डीजीएम एमयू. राव, एजीएम डीके गुप्ता, एजीएम विकास पिपरानी,सीनियर मैनेजर ओम नमः शर्मा, सीनियर मैनेजर जितेश शाहनी, सीनियर मैनेजर अरुणेश शर्मा, सीनियर मैनेजर विपिन मौर्य, सीनियर मैनेजर एसके पाटिल, डिप्टी मैनेजर वीके चौधरी, तथा असिस्टेंट मैनेजर अजीत साहू के नेतृत्व में योजनाबद्ध ढंग से निष्पादित किया गया।
इस कार्य में सतत सहयोग प्रदान किया जीएम इंचार्ज EDD मुजीब हुसैन, जीएम मेजी मेजर सिंह, जीएम इंचार्ज Environment Management उमा कटोच, CED जीएम बीएन झा, तथा जीएम EMD रमणी सुब्रमणियन ने। उनके मार्गदर्शन एवं समर्थन से परियोजना का संचालन सुचारू रूप से पूरा हो सका।
कार्यपालक निदेशक (कार्यों) राकेश कुमार ने इस उपलब्धि पर सभी टीमों को बधाई देते हुए कहा कि नई वैकल्पिक गैस लाइन मशीन-2 की गैस सप्लाई को अधिक स्थिर, विश्वसनीय और सुरक्षित बनाते हुए उत्पादन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।
ये खबर भी पढ़ें: सेक्टर 9 हॉस्पिटल निजीकरण: अस्पताल की जिम्मेदारी से भाग रही है सरकार












