Bhilai Steel Plant: लंबे समय से नगर सेवाएं विभाग में डटे अधिकारियों की छुट्टी तय, प्रबंधन ने दिए संकेत

Bhilai Steel Plant Signs of Transfer of Officers Working in TA Building for a Long Time (1)
  • बीएसपी के ट्रेड यूनियन नेताओं की बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट से खास खबर है। भिलाई टाउनशिप में तैनात अधिकारियों को हटाया जाएगा। नगर सेवाएं विभाग में लंबे समय से डटे अधिकारियों की छुट्टी होने का संकेत प्रबंधन ने दे दिया है।

इस बात पर मुहर ईडी एचआर पवन कुमार की बातों से लग गई है। करीब 4 यूनियनों का खुला समर्थन मिलते ही प्रबंधन ने कहा-जब यूनियन नेताओं की भी यही मांग है तो इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। बदलाव नजर आएगा।

पिछले दिनों यूनियन नेताओं क साथ ईडी एचआर पवन कुमार ने मीटिंग की। मीटिंग का मुद्दा निजीकरण, रिटेंशन, मैत्रीबाग, हॉस्पिटल, मैनपॉवर आदि था। लेकिन, बातचीत के दौरान नगर सेवाएं विभाग की ढिलाई और सुस्ती पर भी तंज कसा गया। लंबे समय से डटे अधिकारियों की कार्य संस्कृति पर सवाल उठाए गए। इससे कर्मचारी अपने काम को लेकर परेशान हो रहे हैं।

ईडी संग मीटिंग में शामिल एक यूनियन के पदाधिकारी ने सूचनाजी.कॉम से कहा-टाउनशिप में लंबे समय से डटे अधिकारियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि अब वे काम को छोड़ चापलूसी में लगे हैं। सेक्टर 9 एरिया में रहने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के घर-द्वार में आना-जाना होने से अब बीएसपी प्रबंधन को भी ठेंगा दिखाने लगे।

दबी जुबान बहुत कुछ बोल जाते हैं। इसका खामियाजा बीएसपी के कर्मचारी भुगत रहे हैं। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। बढ़ते आक्रोश को देखते हुए अब उच्च प्रबंधन भी उलटफेर का मन बना चुका है। सिस्टम के तहत कार्यक्षेत्र बदला जाएगा।

बताया जा रहा है कि कई अधिकारी करीब 10-15 साल से टाउनशिप में डटे हैं। मठाधीश बने बैठे हैं। दूसरे स्थानों के लिए नियम है, टाउनशिप के लिए कोई नियम नहीं है, जहां डायरेक्ट पब्लिक से संपर्क होता है। कुछ अधिकारी स्थानीय नेताओं के रिश्तेदार होने के नाम पर लोगों को डराकर जमे बैठे हैं।

सेक्शन बदल दिया जाता है, लेकिन असरदार विभाग में होने से उन्हीं की दाल गल रही है। एक यूनियन नेता ने यहां तक बोल दिया कि अगर, जांच हो जाए तो बड़ा घोटाला पकड़ में आ जाएगा। सीजीएम आफिस तक आंच पहुंच जाएगी। वैसे भी सीजीएम को कठपुतली बनाकर रख दिया गया है।