- भिलाई स्टील प्लांट के सीपीएफ ट्रस्टी का पद बिकने की बात सामने आई। बीएमएस के अरविंद पांडेय ने कहा-केंद्रीय नेता को भेजा था पैसा, लेकिन पहुंचा नहीं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट की मान्यता प्राप्त यूनियन बीएमएस में दो फाड़ होते ही पर्दे के पीछे की बातें अब फ्रंट पर आ चुकी है। वसूली और धांधली का आरोप झेलने वाली बीएमएस में एक और धमाका हो गया है। सोमवार शाम को दनादन खुलासे होते गए।
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भिलाई स्टील प्लांट के सीपीएफ ट्रस्ट का पद बेचा गया है। 2-2 लाख रुपए पद के एवज में लिए गए हैं। यह आरोप यूनियन के तीन पदाधिकारियों पर लगाया गया है। बीएमएस केंद्रीय नेताओं के नाम पर कार्यकारी अध्यक्ष चन्ना केशवलू के अलावा हरिशंकर चतुर्वेदी और वशिष्ठ वर्मा ने पैसा लिया। इसकी पुलिस शिकायत भी हो चुकी है। मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। पैसे के लेनदेन की बात खुलते ही हड़कंप मच गया है।
बीएमएस में दो फाड़ होते ही एक गुट ने नई कार्यकारिणी घोषित कर दी है। इसके महामंत्री अरविंद पांडेय सोमवार शाम को सुपेला स्थित काफी हाउस में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने एक-एक कर राज खोल दिए।
अरविंद पांडेय ने स्पष्ट रूप से कहा कि बीएमएस के केंद्रीय नेताओं तक सहयोग राशि के रूप मे पैसा पहुंचाने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष चन्ना केशवलू, वशिष्ठ वर्मा और हरिशंकर चतुर्वेदी ने उनके रिसाली स्थित आवास से पैसा लिया था। नवंबर 2022 में दो लाख रुपए मैने दिए थे।
बीएमएस के केंद्रीय नेतृत्व को सहयोग के रूप में पैसा दिया था। लेकिन, वहां 2 लाख रुपए पहुंचा नहीं। इसकी जानकारी होते ही यहां पूछताछ शुरू की। रसीद मांगा तो लोग भागने लगे। नवंबर में पैसा दिया था और दिसंबर में मुझे सीपीएफ ट्रस्टी बनाया गया।
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अरविंद पांडेय ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि केंद्रीय नेतृत्व तक पैसा नहीं पहुंचने की वजह से वह बार-बार दबाव बना रहे थे। चन्ना केशवलू आदि को यही बोल रहे थे कि पैसा वापस करें या दिल्ली भेजें। अरविंद पांडेय ने बताया कि यूनियन चलाने के लिए पैसा मांगा गया था।
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महामंत्री ने दावा किया कि मैने पद मांगा नहीं था। हमको बताकर सीपीएफ ट्रस्ट नहीं बनाया गया। चुनाव में युवाओं को एकजुट करने में मेरी महत्वपूर्ण भूमिका रही। बावजूद, संगठन में कोई खास पद नहीं दिया गया था। बाद में ट्रस्टी बनाया गया। मैने 2 लाख रुपए दिए हैं। दो अन्य ट्रस्टी ने कितने पैसे दिए, इसकी जानकीर उन्हें नहीं है। इसका राज नहीं खुल सका है। माइंस से किसी को ट्रस्टी नहीं बनाया गया है।
अरविंद पांडेय के मुताबिक 3 सितंबर को पैसा वापस न करने की शिकायत पुलिस से की गई। धारा 155 के तहत पुलिस ने कार्रवाई की। इसको आधार बनाकर वह कोर्ट में गए। अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी के माध्यम से कोर्ट गए हैं।
बीएमएस (BMS) के पदाधिकारियों पर मय सबूत आरोप लगाए गए हैं। सबूत के तौर पर दुर्गा सिंह सेंगर, सक्षम पांडेय, प्रदीप पांडेय और अभय का नाम लिया गया है। इन चारों के सामने पैसा दिया गया था। रिसाली स्थित शुभकामना हाइट पर पैसा लेने के लिए चन्ना केशवलू आदि गए थे।
इन आरोपों पर आरोपितों का पक्ष लेने की कोशिश की गई। उपाध्यक्ष हरिशंकर चतुर्वेदी ने उल्टे अरविंद पांडेय पर आरोप लगाया कि वह बड़ा पद चाहते हैं। इसलिए इस तरह का खेल खेल रहे हैं। बीएमएस में कोई दो फाड़ नहीं हुआ है। अरविंद के आरोपों पर मैं और वशिष्ठ ने नोटिस भेजा है। मानहानी का केस करूंगा।