सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप के जनस्वास्थ्य विभाग में जूनियर हेल्थ इंस्पेक्टर में कार्यरत अंकुश देवांगन को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Doctor of Philosophy) की उपाधि से सम्मानित किया गया। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह में कुलपति सच्चिदानंद शुक्ल ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। इस दौरान विशेष रूप से माननीय राज्यपाल विश्वभूषण हरीचंदन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा इसरो से आए पद्मश्री वैज्ञानिक राजन जी उपस्थित थे।
अंकुश देवांगन को इस उपलब्धि पूर्ण कार्य पर टाउनशिप के मुख्य महाप्रबंधक जेवाय सपकाले, महाप्रबंधक विष्णु कुमार पाठक, उप महाप्रबंधक डाक्टर एनके जैन, जनस्वास्थ्य विभाग के सहायक महाप्रबंधक सुनील कुमार झा, वरिष्ठ प्रबंधक आरके गुप्ता, एके बंजारा तथा समस्त कर्मचारियों ने बधाई दी है।
ज्ञात हो कि प्रसिद्ध मूर्तिकार डाक्टर अंकुश कुमार देवांगन ने समकालीन भारतीय मूर्तिकला जगत में अपनी कला से प्रतिमान स्थापित किए हैं। दल्ली राजहरा में छः मंजिली इमारत जितना सबसे बड़ा लौहरथ, रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में सबसे लंबा भित्तिचित्रण तथा चांवल के दानों पर चित्रकारी एवं दुनिया की सबसे छोटी मूर्तियां बनाने के लिए उन्हें लिम्का तथा गोल्डन बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकार्ड का अवार्ड प्राप्त है। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा उन्हें नेहरू अवार्ड एवं कर्म शिरोमणी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भिलाई शहर के सिविक सेंटर में कृष्ण-अर्जुन रथ, सेल परिवार चौक, भिलाई होटल का नटराज, रुआबांधा का पंथी चौक, बोरिया गेट का पी एम ट्राफी चौक तथा सेक्टर 1-2 का श्रमवीर चौक उनकी कला का लोहा मनवाती है। भिलाई के अलावा दुर्गापुर स्टील प्लांट, सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला, भोपाल के राजभवन में भी कलाकृतियों का निर्माण करके उन्होंने संयंत्र के गौरव को बढ़ाया है।
अपनी कला के अनुरुप पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से उन्होंने “छत्तीसगढ़ में भूमि एवं भित्ति चित्रण कला का विकास (पारम्परिक एवं एतिहासिक) संदर्भ पर शोधपत्र लिखा है। 24 जून को विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा एक गरिमामय दीक्षांत समारोह में उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई है। अंकुश देवांगन वर्तमान में केन्द्र सरकार, संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत ललित कला अकादमी के एक्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर भी हैं।