– पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) द्वारा पारिवारिक पेंशन शिकायतों के गुणात्मक निवारण पर विशेष अभियान की बेहतर कार्यप्रणाली और सफलता की कहानियां।
– 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत 1 से 31 जुलाई, 2024 तक महीने भर चलने वाला अभियान शुरू किया है। आप भी उठा सकते हैं फायदा।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) (Department of Pension and Pensioners Welfare (DOPPW)) ने पारिवारिक पेंशन शिकायतों (Family Pension Complaint) के समय पर और गुणात्मक निवारण के लिए अपनी 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत 1 से 31 जुलाई, 2024 तक महीने भर चलने वाला अभियान शुरू किया है।
इस अभियान की शुरुआत कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 1 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में की।
इस अभियान ने तेजी पकड़ ली है। कुछ महत्वपूर्ण मामले जहां पारिवारिक पेंशन शिकायतों का ऑनलाइन पोर्टल केंद्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीईएनजीआरएमएएस) पर सफलतापूर्वक निवारण किया गया है। अभियान के तहत उन लोगों की बात की जा रही है, जिसके घरों में खुशियां आई हैं।
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– 14 वर्ष बाद एक अविवाहित बेटी को बकाया के साथ पारिवारिक पेंशन की मंजूरी
एसएसबी के स्वर्गीय पेमा तमांग की पुत्री बीना तमांग को 2010 में उनके पिता की मृत्यु के बाद बार-बार प्रयासों के बावजूद पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रही थी।
उन्होंने 06.06.2023 को सीपीईएनजीआरएएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज की। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने संबंधित संगठन से बातचीत करते हुए उनके मामले को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया।
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इस मामले को विशेष अभियान के लिए चुना गया और एसएसबी, पीएओ और सीपीएओ के साथ सक्रिय समन्वय से 20.92 लाख रुपए की बकाया राशि के भुगतान के साथ इसे सफलतापूर्वक बंद कर दिया गया है।
– साढ़े 12 साल बाद जीवनसाथी को संशोधित पारिवारिक पेंशन की मंजूरी
फुलमती देवी के पति की 2011 में मृत्यु हो गई और उन्हें पारिवारिक पेंशन मंजूर की गई, लेकिन छठे और सातवें वेतन आयोग के अनुसार पारिवारिक पेंशन का भुगतान नहीं किया गया।
इसके लिए उन्होंने 20.05.2024 को सीपीईएनजीआरएएमएस पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। मामला बैंक को भेजा गया और इसे विशेष अभियान में शामिल किया गया। इसके बाद उन्हें पेंशन में संशोधन के साथ 16.30 लाख रुपये का बकाया भुगतान किया गया।
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– 7 वर्षों के बाद संशोधित पेंशन को मंजूरी
सुशीला देवी के पति की मृत्यु 2017 में हुई, जो रेल मंत्रालय से पेंशनभोगी थे। उसके बाद उनकी पारिवारिक पेंशन शुरू की गई, लेकिन पेंशन को सातवें सीपीसी के अनुसार संशोधित नहीं किया गया था। इस बारे में 01.06.2024 को सीपीईएनजीआरएएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज की गई। उनके इस मामले को विशेष अभियान में शामिल किया गया और 8.24 लाख रुपये के बकाया भुगतान के साथ इसे सफलतापूर्वक हल कर दिया गया।