
- केबिन के अंदर यूरिनल के लिए 180 मिमी गहराई की नई जगह चिन्हित की गई जिससे चालक दल को सुविधा मिले और लोको की बनावट बरकरार रहे।
सूचनाजी न्यूज, वाराणसी। भारतीय रेलवे के ‘स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय’ मिशन के अंतर्गत बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बरेका) ने एक और कामयाबी हासिल कर ली है। वॉटरलेस शौचालय युक्त डब्ल्यूएजी-9 फ्रेट लोको का निर्माण किया गया है। भारतीय रेलवे को बनारस रेल इंजन कारखाना ने यह सौगात दी है।
महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के कुशल नेतृत्व में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप, बरेका ने 37 डब्ल्यूएजी-9 माल वाहक लोको एवं 02 यात्री वाहक डब्ल्यूएपी 7 लोको में वॉटरलेस यूरिनल की सुविधा के साथ CO2 सिलेंडर और हैंड ब्रेक की नई व्यवस्था को सफलतापूर्वक लगाया गया है।
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वॉटरलेस यूरिनल को फिट करने हेतु विशेष मॉडलिंग और इंजीनियरिंग समाधानों को अपनाया गया, जिससे लोको की संरचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
केबिन के अंदर यूरिनल के लिए 180 मिमी गहराई की नई जगह चिन्हित की गई जिससे चालक दल को सुविधा मिले और लोको की बनावट बरकरार रहे।
लोको में स्थापित यह वॉटरलेस सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ जल संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगा।
डब्ल्यूएजी-9 लोको नंबर 43929 (निर्माण शेल संख्या 136) इस नवाचार का पहला उदाहरण बना है, जिसमें सभी नई सुविधाएं-वॉटरलेस यूरिनल और मशीन रूम से दरवाजा खोले बिना केब से CO2 सिलेंडर तक पहुँच की व्यवस्था की गईं।
जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार बताते हैं कि बरेका द्वारा किया गया यह अभिनव प्रयास न केवल रेलवे कर्मचारियों को स्वच्छता सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक मजबूत संदेश देगा। यह उपलब्धि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘ग्रीन रेल’ की दिशा में एक सार्थक पहल है।