
- भिलाई स्टील प्लांट में 43 फैक्ट्री है। इसमें से 23 हजार्ड है।
- नियम के तहत सभी फैक्ट्री में ओएचएस होना जरूरी है।
- दो-दो शॉप को मिलाकर एक-एक सेंटर बनाया जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट के पूर्व ईडी वर्क्स अंजनी कुमार और संयुक्त यूनियन के बीच ऐसी ठन गई है कि अब लपेटे में भिलाई स्टील प्लांट की छवि और प्रतिष्ठा आ रही है। मामला अब प्लांट के बाहर तक पहुंच चुका है। यूनियनें अंजनी कुमार को जिम्मेदार बता रही हैं।
सेल हड़ताल में शामिल कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने और लगातार बीएसपी में हो रहे हादसों की शिकायत बीएसपी की संयुक्त यूनियनों ने इंडस्ट्रियल हेल्थ एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर आशुतोष पांडेय से मुलाकात की।
वहां काफी देर तक बीएसपी के मुद्दों पर चर्चा होती रही। संयुक्त यूनियन के संयोजक वंश बहादुर सिंह ने बताया कि आशुतोष पांडेय जी ने जानकारी दी है कि बीएसपी में 11 ओएचएस सेंटर है। Occupational Health and Safety सेंटर की संख्या के बारे में सुनते ही यूनियन नेता एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। कई लोगों के मुंह से तपाक से निकल गया कि सर, सब फर्जीवाड़ा है। दो सेंटर के अलावा कहीं कुछ नहीं है। कुछ कमरों के बाहर बोर्ड लगाकर इसे सेंटर बता दिया गया है।
ये खबर भी पढ़ें: बिग न्यूज: सेल से रिटायर्ड अफसरों को बधाई हो, 11 माह के पर्क्स के एरियर का आदेश जारी
संयुक्त यूनियन का कहना है भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) में 43 फैक्ट्री है। इसमें से 23 हजार्ड है। नियम के तहत सभी फैक्ट्री में ओएचएस होना जरूरी है। लेकिन, बीएसपी में ऐसा नहीं है। राज्य सरकार के दबाव में यह बात सामने आई कि दो-दो शॉप को मिलाकर एक-एक सेंटर बनाया जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें: BSP Accident: कई टन के एंगल का बंडल मजदूर पर गिरा, हड्डी-पसली टूटी, तड़प कर निकला दम
11 सेंटर की संख्या बताई गई। हकीकत यह है कि डाक्टर्स न होने की वजह से ओएचएस सेंटर संचालित नहीं किए जा रहे हैं। वहीं, बीएसपी प्रबंधन (BSP management) का कहना है कि दो सेंटर ही संचालित हैं। बाकी को खोलने की प्रक्रिया चल रही है।
ये खबर भी पढ़ें: Breaking News: भिलाई स्टील प्लांट में हादसा, स्टील बंडल से दबकर मजदूर की मौत
दूसरी ओर पिछले साल रेल मिल हादसे में ठेका मजदूर राम स्नेही गुप्ता का पैर कटने का मामला भी उठा। आशुतोष पांडेय ने कहा कि मेरे पास लिखित शिकायत आई थी। सीजीएम को निर्देशित किया था कि पीड़ित मजदूर का ख्याल रखा जाए। जैसे ही मजदूर ठीक हो जाएं, उन्हें काम पर रखा जाए ताकि परिवार का भरण-पोषण चल सके। इस मामले में मैं फिर सीजीएम रेल मिल को सख्त निर्देश जारी करूंगा।
डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी आशुतोष पांडेय से मुलाकात करने वालों में इंटक के महासचिव वंश बहादुर सिंह, सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी, बीएमएस से चन्ना, एचएमएस महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र, एटक महासचिव विनोद सोनी, एक्टू महासचिव बृजेंद्र तिवारी, लोइमू महासचिव सुरेंद्र मोहंती, स्टील वर्कर्स यूनियन से संजय गुप्ता शामिल थे।