हेरिटेज साइट देवबलोदा के विकास और जीर्णोद्धार पर भिलाई स्टील प्लांट को मिला मोदी सरकार से अवॉर्ड

Bhilai Steel Plant gets award from Modi government for the development and restoration of heritage site Devbaloda
संस्कृति मंत्रालय द्वारा सीएसआर परियोजना 'हेरिटेज साइट देवबलोदा के विकास और जीर्णोद्धार' के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र सम्मानित।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रयासों की सराहना की।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) को संस्कृति मंत्रालय द्वारा, सीएसआर परियोजना ‘हेरिटेज साइट देवबलोदा के विकास और जीर्णोद्धार’ के लिए सम्मानित किया गया। केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के हाथों नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन, बीएसपी) पवन कुमार और महाप्रबंधक (सीएसआर, बीएसपी) शिवराजन नायर ने इस पुरस्कार को ग्रहण किया। यह भव्य कार्यक्रम न्यू महाराष्ट्र सदन, के.जी. मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

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भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) को अपने सीएसआर गतिविधयों के अंतर्गत सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन के लिए, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए चुना गया। राष्ट्रीय संस्कृति निधि (एनसीएफ), संस्कृति मंत्रालय, लोक उद्यम विभाग, वित्त मंत्रालय के सहयोग से 17 जनवरी को “संस्कृति और विरासत में सीपीएसई के लिए सीएसआर अवसर” विषय पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भिलाई इस्पात संयंत्र को सम्मानित किया गया।

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इस अवसर पर, उन प्रतिष्ठित एनसीएफ भागीदारों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन के लिए सीएसआर निधि के माध्यम से योगदान दिया है। इस विशेष सम्मान के लिए सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का भी चयन किया गया, जो छत्तीसगढ़ के देवबलोदा स्थित राष्ट्रीय धरोहर स्थल के जीर्णोद्धार और विकास के लिए राष्ट्रीय संस्कृति निधि (एनसीएफ) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ साझेदारी में कार्य कर रहा है।

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कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण (सचिव, संस्कृति मंत्रालय एवं डीपीई) डॉ. अरुणिश चावला ने दिया, जिसके बाद संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपना उद्घाटन संबोधन दिया। उन्होंने देश के संस्कृति एवं पर्यटन के क्षेत्र में किये जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की चर्चा करते हुए, सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रयासों की सराहना की।

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कार्यक्रम के अन्य प्रमुख सत्रों में संस्कृति और विरासत के क्षेत्र में ‘भागीदार सीपीएसई’, सीपीएसई सीएसआर इकोसिस्टम को समझना और संस्कृति और विरासत में इसका योगदान, राष्ट्रीय संस्कृति कोष का अवलोकन-सीएसआर अपॉर्चुनिटी, ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम 2.0’ और सीएसआर कैटलिस्ट (उत्प्रेरक) के रूप में संग्रहालयों की भूमिका पर चर्चा की गई।

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इसके पूर्व भी विगत महीनों भिलाई इस्पात संयंत्र ने विभिन्न पुरस्कार प्राप्त किये हैं। जिसमें बीएसपी की दल्ली मैकेनाइज्ड माइंस ने भुवनेश्वर में 15वां कलिंगा सुरक्षा उत्कृष्टता पुरुस्कार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग प्रौद्योगिकियों के अभिनव उपयोग के लिए “उत्पादकता उत्कृष्टता पुरस्कार”, “ग्रीनटेक पीसीडब्ल्यूआर अवार्ड्स”, और “सीआईआई राष्ट्रीय ऊर्जा उत्कृष्टता पुरस्कार” आदि शामिल हैं। यह कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में सीपीएसई के योगदान को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर रहा।

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