- सीटू के सुझाव पर अमल करते तो नहीं होता हंगामा। सुझाव देने के बाद भी प्रबंधन मौन
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बायोमेट्रिक (Biometric) को लेकर इस वक्त भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में खूब शोर मचा हुआ है। हर दिन कुछ न कुछ खामियां उजागर हो रही है। अब गेट खोलने में भी लापरवाही बरती जा रही है। रात 10 बजे से नाइट शिफ्ट शुरू होती है। कर्मचारियों-अधिकारियों को 10 बजे अटेंडेंस लगानी है। लेकिन, बीएसपी के जोरातराई गेट (Joratarai Gate of BSP) पर बीती रात कुछ ऐसा हुआ कि हजारों कार्मिक समय पर ड्यूटी नहीं पहुंच सके।
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प्लांट में अंदर आने वाला गेट रात 10 बजे के बाद खोला गया। इतनी भीड़ जमा हो गई कि हंगामा मच गया। शोर-शराबा होता रहा। लेकिन, सीआइएसएफ जवान मौन साधे थे। 10 बजे के बाद गेट खुला और कार्मिक ड्यूटी के लिए भागे। लेकिन, तब तक टाइम बीत चुका था। सब देरी से प्लांट में दाखिल हुए। इस बात की जानकारी कार्मिकों ने में ही उच्च प्रबंधन को दे दी थी। आखिर ऐसा क्यों किया गया, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
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सीटू ने कहा था-एक घंटे पहले खोलिए गेट
सीटू ने उच्च प्रबंधन को पत्र देकर कहा था कि पहले सभी गेट शिफ्ट शुरू होने के एक घंटा पहले खुलते थे, जिसे प्रबंधन ने एक तरफा निर्णय लेकर आधा घंटा पहले खोलने लगा। इससे फिर से ड्यूटी शुरू होने के एक घंटा पहले खोला जाए, किंतु प्रबंधन एक घंटा पहले गेट खोलना तो दूर उल्टा जोरा तराई गेट को रात्रि पाली में ड्यूटी जाने वाले कर्मियों के लिए 10:00 बजे खोला है।
रेल मिल-यूआरएम के मजदूर जोरातराई बस्ती में रहते हैं
ज्ञात हो कि यूनिवर्सल रेल मिल एवं रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल (Universal Rail Mill & Rail & Structural Mill) में कार्य करने वाले कई कर्मी जोरा तराई बस्ती तरफ रहते हैं। इसी गेट से संयंत्र आते हैं। ऐसी स्थिति में जोरातराई गेट से रेल मिल तक आने में कम से कम आधा घंटे का समय लगता है।
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बीएसपी प्रबंधन जवाब दे
सीटू ने कहा कि प्रबंधन इस बात का जवाब दे कि रात को 10:00 बजे जोरातराई गेट से अंदर आने वाले कर्मी रेल मिल जितनी दूर 10:15 के अंदर कैसे पहुंच पाएंगे।
आज जोरा तराई गेट से अंदर आए कर्मियों का 10:06 अथवा 10:15 के अंदर फेस रीडिंग करवा कर पंचिंग करना असंभव है। यदि वे 10:30 अथवा उसके बाद पंच करते हैं तो उनका हाजिरी को सर्टिफाई करने वाले अधिकारी तरह-तरह के सवालों को खड़ा करेंगे। प्रबंधन की ऐसी अव्यवस्थित प्लानिंग के चलते हर दिन कर्मियों को नई-नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
हाजिरी के लिए अधिकारियों के सामने नतमस्तक…
विभागों में स्थितियां कुछ ऐसी निर्मित होने लगी है कि किसी कारणवश कोई कर्मी पंचिंग करने के निर्धारित समय से थोड़ा सा भी लेट हो जाता है तो उसे अपनी हाजिरी सुधरवाने के लिए अधिकारियों के सामने नतमस्तक सा होना पड़ता है।
वहीं, कई अधिकारी कर्मियों द्वारा कभी-कभी थोड़ी सी देरी होने पर ऐसा देखने लगते हैं जैसे सामने वाले ने कभी-कभी 5-10 मिनट लेट आकर बहुत बड़ा गुनाह कर दिया है। किंतु अभी भी बहुत से विभागों के अनेक कर्मी अपने ड्यूटी के निर्धारित समय समाप्त हो जाने के बाद भी फंसे हुए काम को पूरा करके ही घर जाते हैं। ऐसे फंसे हुए काम को करते हुए अतिरिक्त समय रुकने वाले कर्मियों के लिए भी प्रबंधन के पास फिलहाल कोई योजना नहीं है।
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देखिए, प्रबंधन की सेहत पर असर पड़ता है या नहीं…
इन सब परिस्थितियों में प्रबंधन एक घंटा पहले गेट खुलवाने से लेकर अतिरिक्त समय रुकने वाले कर्मियों के लिए कुछ निर्णय भी लेती है या धीरे-धीरे इन सब स्थितियों को सामान्य रूप से होने के लिए समय पर छोड़ देती है। यह देखने वाली बात है।
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