- आयोजन से संविधान व उसमे प्रदत्त अधिकारों से कर्मचारी व अधिकारी रूबरू हुए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी एससी-एसटी इम्प्लाइज एसोसिएशन (BSP SC-ST Employees Association) की मांग पर भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन द्वारा Workshop on Reservation Policy For SC/ST/OBC/PWD/ESM पर कार्यशाला का आयोजन BMDC में किया गया। यह कार्यशाला सीसी उन्नीकृष्णन (सेवानिवृत उप सचिव, भारत सरकार ) द्वारा दिया गया।
ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: बीएसपी में सड़क हादसा, कर्मचारी आइसीयू में भर्ती
इस कार्यशाला में बीएसपी एससी/एसटी इम्प्लाइज एसोसिएशन (BSP SC-ST Employees Association) के अध्यक्ष कोमल प्रसाद, महासचिव विजय कुमार रात्रे सहित एसोसिएशन के पदाधिकारी व सक्रिय सदस्यों व पिछड़ा वर्ग एसोसिएशन के सदस्यों सहित 35 लोगों ने भाग लिया।
कोमल प्रसाद ने प्रवंधन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कार्यशाला एससी/एसटी एवं ओबीसी कर्मचारियों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा। इस आयोजन से संविधान व उसमे प्रदत्त अधिकारों से आज हमारे कर्मचारी व अधिकारी रूबरू हुए, जिससे उनको अपने कार्यस्थल, सहित जीवन मे बहुत जगहों पर मुश्किल समय मे उपयोगी साबित होगा।
साथ ही भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai STeel Plant) सहित सार्वजनिक उपक्रमों मे लागू रिजर्वेशन व प्रमोशन पालिसी की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई जो इन वर्गों के अधिकारियो व कर्मचारियों के लिए बहुत ही जरुरी बात है।
समापन सत्र मे मुख्य महाप्रबंधक (HR) संदीप माथुर, महाप्रबंधक (वर्क्स ) एसके सोनी, महाप्रबंधक जेएन ठाकुर, लाईजन ऑफिसर रोहित हरित शामिल थे।
आरक्षण नीतियों के लिए बनाए गए कुछ प्रमुख कानून
अनुच्छेद 15(4) – पहला संशोधन, 1951 – पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान।
अनुच्छेद 15(5) – 93वां संशोधन, 2006 – निजी शिक्षण संस्थानों में पिछड़े, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान।
अनुच्छेद 16(3) – निवास के आधार पर सार्वजनिक रोजगार में पदों का आरक्षण
अनुच्छेद 16(4) – पिछड़े वर्गों के लिए सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण।
अनुच्छेद (330 – 342) – समाज के कुछ वर्गों के लिए विशेष प्रावधानों की बात करता है
अनुच्छेद 45 – राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के तहत , राज्यों का कर्तव्य है कि वे पिछड़े वर्गों के जीवन स्तर और स्वास्थ्य को ऊपर उठाएं।
अनुच्छेद 39 ए – राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के तहत – राज्यों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता सुनिश्चित करना l
आरक्षण का समयबद्ध विकास
वर्ष 1950-1951: संविधान की शुरुआत और पहला संशोधन, OBC, SC तथा ST की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान बनाने के लिए अनुच्छेद 15 एवं 16 में प्रावधानों को सक्षम बनाना।
वर्ष 1982: केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में SC तथा ST के लिये आरक्षण क्रमशः 15% एवं 7.5% तय किया गया।
वर्ष 1990: मंडल आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार के रोज़गार में OBC के लिये 27% आरक्षण शुरू किया गया।
वर्ष 2005: 93वें संवैधानिक संशोधन में अनुच्छेद 15(5) शामिल किया गया जिससे निजी संस्थानों सहित शैक्षणिक संस्थानों में OBC, SC और ST के लिये आरक्षण सक्षम हो गया।
वर्ष 2019: 103वें संवैधानिक संशोधन में अनुच्छेद 15(6) और 16(6) शामिल किए गए, जिससे शैक्षणिक संस्थानों तथा सार्वजनिक रोज़गार में अनारक्षित श्रेणी के बीच आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS) के लिये 10% तक आरक्षण संभव हुआ।