केंद्रीय श्रम मंत्रालय से ESI और EPF पर बड़ी खबर, BMS ने मांगा 5000 रुपए न्यूनतम पेंशन

  • ESI और EPF की सीमा बढ़ाएं, न्यूनतम पेंशन भी बढ़ाएं।
  • बीएमएस प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्री से की मांग।
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता 43 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को देगी सुरक्षा।
  • वेतन संहिता-2019 और सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 को शीघ्र लागू करें।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) और ईएसआईसी (ESI) से अच्छी खबर आ रही है। ESI और EPF की सीमा बढ़ाने, न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग एक बार फिर मंत्रालय में उठ गई है। बीएमएस प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्री से मिलकर यह मांग की है।

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) पर दबाव डाला जा रहा है। भारतीय मज़दूर संघ (BMS) के अखिल भारतीय पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया से मिलकर ईएसआई (ESI) और ईपीएफ (EPF) पात्रता की उच्चतम सीमा दोगुनी बढ़ाने की मांग की।

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मौजूदा सीमाएँ बहुत कम हैं जो कि आय और कीमतों में वृद्धि के अनुरूप लम्बे समय से नहीं बढे हैं। व्याप्ति की उच्चतम वेतन सीमा में बढ़ोतरी से श्रमिकों का एक बड़ा वर्ग, जो अभी इन योजनाओं के लाभ से वंचित है, इनके दायरे में आ जायेगा और इनका लाभ उठा सकेगा। दोनों योजनाओं की व्याप्ति बढ़ जाएगी।

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वेतन संहिता-2019 और सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020

बीएमएस के प्रतिनिधिमंडल ने वेतन संहिता-2019 और सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 को शीघ्र लागू करने की भी मांग की। ये दोनों संहिताएं आम श्रमिकों के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक साबित होंगी।

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पहली बार वेतन संहिता देशभर के सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करेगी। सामाजिक सुरक्षा संहिता 43 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों सहित सम्पूर्ण कार्य जगत को कई सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने वाली है। ये दोनों कोड श्रम कल्याण लाभों के सार्वभौमिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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कुछ श्रमिक-विरोधी प्रावधान

अन्य दो संहिताएं-औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थिति कोड (OSH)-2020 में कुछ श्रमिक-विरोधी प्रावधान हैं, जिन्हें बदलने की आवश्यकता है।

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OSH कोड में श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी बेहतरीन प्रावधान हैं, किन्तु कोड में निर्धारित न्यूनतम सीमा इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभों को सीमित करती है। बीएमएस ने श्रम संहिताओं पर सभी ट्रेड यूनियनों के साथ विस्तृत परामर्श करने और खामियों को दूर करते हुए जल्द से जल्द संहिताओं को लागू करने की भी मांग की।

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ESI स्कीम के अस्पताल सुविधाओं में सुधार करें

भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रविन्द हिमते के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI स्कीम) में तत्काल और मूलभूत सुधार के निमित्त अस्पताल सुविधाओं में सुधार से साथ ही सूचीबद्ध अस्पतालों के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने की मांग की।

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न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करें

बीएमएस प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से ईपीएस- 95 के अंतर्गत वीडीए (VDA) के साथ न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने और इसे आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने का अनुरोध किया।

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मंत्री का आश्वासन, ये रहे मौजूद

मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार श्रमिकों के हितों के प्रति जागरूक है और मंत्रालय इन मांगों को लेकर उचित कार्यवाही करेगी।
प्रतिनिधिमंडल ने श्रम से संबंधित कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या, महामंत्री रवींद्र हिम्मते, पूर्व अध्यक्ष सजी नारायणन, पूर्व महामंत्री विरजेश उपाध्याय, संगठन मंत्री बी सुरेंद्रन, सह संगठन मंत्री गणेश मिश्रा, कॉन्ट्रैक्ट लेबर बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र पांडे और ईएसआईसी के सदस्य एस दुरईराज शामिल थे।

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